Friday, 23rd May 2025

30 सितंबर / रोहिणी नक्षत्र होने के कारण प्रजापति नाम के शुभ योग में होगी दिन की शुरुआत

रिलिजन डेस्क. आज रविवार को रोहिणी नक्षत्र होने के कारण प्रजापति नाम के शुभ योग में दिन की शुरुआत हो रही है। वहीं सूर्य-चंद्रमा की स्थिति से सिद्धि नाम का शुभ योग बन रहा है। ये योग रात 7 बजकर  57 मिनिट तक रहेगा। इसके साथ ही आज सूर्योदय के समय पंचमी ति...

मथुरा : अब भक्त ज्यादा समय तक कर सकेंगे द्वारिकाधीश के दर्शन

मथुरा। ब्रज के राजाधिराज ठा. द्वारिकाधीश महाराज के भक्त अब उनके कुछ अधिक समय तक दर्शन कर सकेंगे। करीब 20 वर्ष बाद मंदिर प्रबंधन भक्तों की सुविधा के लिए राजाधिराज के दर्शनों का समय बढ़ाने जा रहा है। वर्ष 1998 में राजभोग के दर्शन के समय में आधा घंटा का इजाफा किया गया था। पुष्टिमार्गीय संप्रदाय...

गुरुवार / सूर्यास्त से पहले भगवान विष्णु के सामने दीपक जलाएं और करें एक उपाय, दरिद्रता होगी दूर

रिलिजन डेस्क. पैसों से जुड़ी परेशानियों को दूर करना चाहते हैं तो महालक्ष्मी के साथ ही भगवान विष्णु की भी पूजा करनी चाहिए। श्रीहरि को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार को विशेष पूजा करनी चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार गुरुवार का कारक ग्रह गुरु है। ये ग्रह भाग्य का का...

16 दिन का होता है श्राद्धपक्ष, यदि तिथि नहीं पता हो, तो जानिए कब करें श्राद्ध

मल्टीमीडिया डेस्क। 24 सितंबर से श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहे हैं। पितृ पक्ष भाद्रपद की शुक्ल चतुर्दशी से आरम्भ होकर आश्विन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि तक चलेगा। पितरों को भोजन और अपनी श्रद्धा पहुंचाने का एकमात्र साधन श्राद्ध है। आमतौर पर श्राद्ध 16 दिन के ही होते हैं, लेकिन कभी-कभार एक ही दिन दो...

24 सितंबर से शुरू हो रहे हैं श्राद्ध पक्ष, जानिए देश में कहां-कहां होता है पिंडदान

मल्टीमीडिया डेस्क। 24 सितंबर से श्राद्ध पक्ष शुरू हो रहे हैं। श्राद्ध का अर्थ है, अपने पितरों के प्रति श्रद्धा प्रगट करना। पुराणों के अनुसार, मृत्यु के बाद भी जीव की पवित्र आत्माएं किसी न किसी रूप में श्राद्ध पक्ष में अपनी परिजनों को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं। पितरों के परिजन उनका तर...

अनंत चतुर्दशी 23 सितंबर को, जानें पूजन विधि और व्रत का महत्व

मल्टीमीडिया डेस्क। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष को अनन्त चतुर्दशी है, जो इस बार रविवार 23 सितंबर को मनाई जाएगी। अनंत का अर्थ होता है जिसका न आदि पता है और न ही अंत, अर्थात श्री हरि। इस व्रत में स्नानादि करने के पश्चात अक्षत, दूर्वा, शुद्ध रेशम या कपास के सूत से बने और हल्दी से रंगे हुई चौदह गांठ क...

ब्रज की लाडली 'राधारानी' के जन्मोल्लास में डूबा मथुरा, भक्तों का उमड़ा सैलाब

बरसाना। ब्रज को लेकर बैजू बावरा का एक पद है- ज्ञानी, गुमानी, धनी जाओ रे यहां से, यहां तो राज है बावरे ठाकुर कौ। सोमवार को लाडली के जन्मोत्सव पर भक्ति का ये बावरापन सड़कों पर साफ दिखा। रातभर की जगार से सूजी आंखें और थके पैर जब सड़कों पर थिरके तो जाम लग गया। राधा के जन्म के साथ ही बरसाना इस कदर...

निर्माण के देवता विश्वकर्मा के ये थे पांच अवतार, पढ़िए विशेष

हर साल 17 सितंबर को विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। मान्‍यता है कि इसी दिन निर्माण के देवता विश्‍वकर्मा का जन्‍म हुआ था। विश्‍वकर्मा को देवशिल्‍पी यानी कि देवताओं के वास्‍तुकार के रूप में पूजा जाता है। पौराणिक काल में विशाल भवनों का निर्माण भगवान विश्वकर्मा करते थे। यह मंदिर द...

गणेश चतुर्थी स्पेशल : सिर्फ गणेश जी को ही चढ़ाई जाती है दूर्वा, जानिए क्यों

मल्टीमीडिया डेस्क। गणपति को विघ्नहर्ता और ऋद्धि-सिद्धी का स्वामी कहा जाता है। इनका स्मरण, ध्यान, जप, आराधना से कामनाओं की पूर्ति होती है व विघ्नों का विनाश होता है। वे शीघ्र प्रसन्न होने वाले बुद्धि के अधिष्ठाता और साक्षात् प्रणवरूप है। गणेश का मतलब है गणों का स्वामी। गणेशजी ही एक मात्र ऐसे...

गणेश चतुर्थी पर सुपारी से करें ये उपाय, बदल जाएगी आपकी जिंदगी

नई दिल्ली। कहते हैं जहां पर गणेश जी की रोजाना पूजा-अर्चना होती है वहां पर रिद्घि-सिद्घि और शुभ लाभ का वास होता है। ऐसे स्थान पर अमंगलकारी घटनाएं और दुख दरिद्रता नहीं आती है। शास्त्रों के अनुसार गणेशजी का प्रतीक स्वरूप सुपारी को भी माना जाता है। पूजा की सुपारी पर जनेऊ चढ़ाकर जब पूजा जाता है तो य...

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