भोपाल। 70 साल की उम्र में जब लोग बीमारियों से निजात के लिए गोलियां खाते हैं, उस उम्र में पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने भोपाल राष्ट्रीय चैंपियनशिप में बतौर खिलाड़ी निशाने लगाए। बदनौर के निशाने इतने सटीक थे कि बिशनखेड़ी शूटिंग रेंज में आयोजित 28वीं जीवी मावलंकर शूटिंग चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक जीता।
प्रतियोगिता में बदनौर ने ट्रैप स्पर्धा के वेटरन्स वर्ग में हिस्सा लिया था। महाराष्ट्र के प्रवीण सिंह ने स्वर्ण जबकि गुजरात के निशानेबाज जहान बख्श ने कांस्य पदक हासिल किया।
एक महीने से कर रहे थे तैयारी : बदनौर को यह सफलता तुक्के से नहीं मिली। तमाम राजनीतिक व्यस्तताओं के बावजूद वे इस टूर्नामेंट के प्रति बेहद गंभीर थे और एक महीने से अभ्यास कर रहे थे। उन्होंने पटियाला की मोतीबाग शूटिंग रेंज में भारतीय जूनियर टीम के कोच विश्वदेव सिंह सिद्धू से बकायदा प्रशिक्षण लिया। खास बात यह है कि अभ्यास के दौरान श्रेष्ठ स्कोर आने के बाद ही उन्होंने टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के मामले में हामी भरी थी। जीवी मावलंकर देश का दूसरे नंबर का सबसे बड़ा शूटिंग इवेंट माना जाता है। ऐसे में इस टूर्नामेंट में मिली जीत से बदनौर बेहद उत्साहित हैं।
कोच ने भी जताई खुशी : बदनौर के कोच का कहना है कि वह लंबे समय से शौकिया शूटिंग करते रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने इस शौक को राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में आजमाने का फैसला किया था। उनके शानदार प्रदर्शन को देखकर यही लगता है कि अब उनका यह शौक काफी दूर तक जाएगा।
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