उज्जैन, 'कांग्रेस सरकार ने किसी समय कहा था कि मोक्षदायिनी शिप्रा में कभी भी नर्मदा का संगम नहीं हो सकता। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संकल्प के बल से इसे संभव कर दिखाया। आज महाकाल की नगरी में श्रद्धालु शिप्रा के साथ नर्मदा में भी डुबकी लगाते हैं। यह इस दौर का भागीरथी प्रयास है।' यह बात प्रदेश के ऊर्जा मंत्री पारस जैन ने रविवार को नईदुनिया 'वार्तालाप' कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्धजनों ने जैन से शहर विकास सहित शासन की विभिन्न् योजनाओं को लेकर सवाल किए।
'वार्तालाप' की शुरुआत नईदुनिया के संपादक (मप्र) आशीष व्यास ने की। स्वागत सीईओ संजय शुक्ला ने किया। रूपरेखा ऑपरेशन हेड नरेश पांडे ने प्रस्तुत की। मंत्री पारस जैन ने जनता द्वारा पूछे गए सभी प्रश्नों का जवाब दिया और आश्वस्त भी किया कि प्रदेश में विकास का रथ निरंतर बढ़ता रहेगा। जैन ने कहा 14 साल पहले तक प्रदेश की स्थिति क्या थी, यह सब जानते हैं।
पिछली सरकार तीन कारणों से गई, सड़क, बिजली और सिंचाई। पहली बार सीएम शिवराज सिंह के नेतृत्व में किसी सरकार ने इनसे जुड़ी समस्याओं पर काबू पाया। हमने सड़क का जाल बिछाया। पहले 7 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती थी, आज 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में। यही कारण है हमने पांच बार कृषि कर्मण अवॉर्ड पाया। अब लक्ष्य 5 साल में इसे दोगुना करना है।
पहले लोग बोलते थे सिंहस्थ के बाद विकास नहीं, हमने बदलाव किया
मंत्री जैन ने कहा कि दो साल पहले ही सिंहस्थ महापर्व हुआ है। पहली बार किसी मुख्यमंत्री ने 20 दिन शहर में रहकर पूरा काम देखा। 4000 करोड़ से ज्यादा महापर्व पर खर्च किए गए। पहले लोग बोलते थे सिंहस्थ हो गया है अब विकास नहीं होगा। हमने इसमें बदलाव किया है। विकास के कार्य निरंतर जारी हैं। हमने 14 पुल बनाए, सभी मार्गों को एक-दूसरे से जोड़ा। आज शहर की सूरत देखते ही बनती है।
...तो खजाने में पैसा नहीं आता
मंत्री जैन ने कहा कि मैं खुद व्यापारी हूं। मानता हूं कि अगर प्रदेश में रकबा नहीं बढ़ता तो सरकार के खजाने में इतना पैसा नहीं आता। इसके पीछे बिजली विभाग की भी बड़ी भूमिका रही है। आज हर गांव में 24 घंटे बिजली उपलब्ध है। गुजरात के बाद देश में अगर किसी प्रदेश ने ग्रामीण व शहरी फीडरों को अलग करने का काम किया है तो वह मध्य प्रदेश है। आभार 'नईदुनिया' के सीनियर न्यूज एडिटर आशीष बंम ने माना।
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