नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल विवाद को लेकर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से इस्तीफा मांगा। उन्होंने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की क्षमताओं को लेकर रक्षा मंत्री पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। इससे पहले सीतारमण ने एचएएल के राफेल डील से बाहर होने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा- यूपीए के कार्यकाल में ही एचएएल को सौदे से बाहर कर दिया गया था।
राहुल ने गुरुवार को ट्वीट किया, ''आरएम (राफेल मिनिस्टर) फिर से भ्रष्टाचार के बचाव में झूठ बोला। एचएएल के पूर्व प्रमुख टीएस राजू ने इसे पकड़ा। उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।'' एक मीडिया रिपोर्ट में राजू ने कहा है कि एचएएल भी राफेल विमान बना सकती है। राहुल ट्वीट में इस रिपोर्ट का हवाला दिया।
मंगलवार को पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने आरोप लगाया था कि सीतारमण कह रहीं हैं कि सरकारी एचएएल के पास जेट बनाने की क्षमताएं नहीं हैं। इससे एचएएल की छवि खराब हुई है। एचएएल ने अब तक 4,060 विमानों का निर्माण किया है।
एंटनी ने कहा था- ''एचएएल भारत की एकमात्र कंपनी है, जो लड़ाकू विमानों का निर्माण कर सकती है। मोदी सरकार ने एचएएल के महत्व को कम किया है और उसकी जगह निजी तथा अनुभवहीन कंपनी को डील का हिस्सा बनाया गया।''
इस पर सीतारमण ने कहा था- ''एचएएल को लेकर कांग्रेस जो आरोप सरकार पर लगा रही है, इसके लिए वह खुद जिम्मेदार है। यह सब कांग्रेस की गलत नीतियों के चलते हुआ। कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि यूपीए सरकार के दौरान डसॉल्ट और एचएएल के बीच समझौता क्यों नहीं हो पाया? हम यूपीए सरकार की तुलना में 9% कम दामों में राफेल विमान खरीद रहे हैं।''
इससे पहले कांग्रेस नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सरकार पर तंज कसा था कि सरकार अगर ने कम दामों में डील की है तो उसे 126 से ज्यादा विमान खरीदने चाहिए।
भारत और फ्रांस की सरकार के बीच सितंबर 2016 में राफेल डील हुई। इसके तहत फ्रांस भारत को 36 अत्याधुनिक लड़ाकू विमान देगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सौदा 7.8 करोड़ यूरो (करीब 58 हजार करोड़ रु.) का है। भारत को पहला राफेल सितंबर 2019 में मिलेगा।
Comment Now