भोपाल. लाेकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए कंपलसरी वोटिंग कानून बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि नेता पुत्र और पुत्री अगर काबिल है और वह जिताऊ उम्मीदवार है तो पार्टियों को उसे टिकट देना चाहिए। चुनाव समिति भी उम्मीदवार का सिलेक्शन उसकी क्षमताओं के आधार पर करे, न कि नेता पुत्र-पुत्री के लिहाज से। उनसे वन नेशन-वन इलेक्शन, एट्रोसिटी एक्ट और राजनीति में परिवारवाद के बढ़ावे को लेकर सवाल पूछे गए।्र
जवाब- इससे चुनाव खर्च घटेगा, लेकिन यह तभी संभव है, जब चुनाव को लेकर लोग जागरूक हों। चुनाव आयोग को भी प्रचार-प्रसार के लिए एप्रोच बदलनी होगी।
जवाब- चुनाव आयोग ने अभी एनआरआई नागरिकों को मतदान का अधिकार दिया है। चुनाव में वोटिंग का प्रतिशत बढ़ाने के लिए कंपलसरी वोटिंग का कानून लाना चाहिए। इससे चुनाव खर्च न सिर्फ घटेगा, बल्कि जागरुकता बढ़ने से बदलाव दिखने लगेंगे।
जवाब- यह सही है कि राज्य विधानसभाओं में सत्रों की संख्या लगातार घट रही है। इंडियन पार्लियामेंट्री यूनियन की बैठक में भी इस मसले पर चर्चा हुई है। राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की जा रही है। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि हर साल लोकसभा की 100 और राज्य विधानसभा की 60 बैठकें अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
जवाब- एट्रोसिटी एक्ट में बदलाव संसद में सभी सांसदों की सहमति से हुआ है। सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह से संशोधन करने कोे कहा था, वह संभव नहीं था। इस बदलाव के लिए सभी को सामाजिक स्तर पर सोचना पड़ेगा। इसके बिना काेई बदलाव संभव नहीं है। सवर्णों के साथ अन्याय हो, यह भी मान्य नहीं है।
जवाब- यह तो पार्टी को तय करना है। अभी तो राज्य विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं।
जवाब- मैं न तो बेटों को बढ़ा रही हूं और न ही उन्हें पीछे खीचूंगी। राजनेता का बेटा राजनेता बने, इसमें बुराई क्या है। बल्कि चर्चा उनकी योग्यता पर होना चाहिए।
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