रतलाम. सोमवार रात जनआशीर्वाद यात्रा लेकर महिदपुर रोड आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के काफिले पर रतलाम जिले के कल्लूखेड़ी गांव में पथराव मामले में ताल पुलिस ने करीब 70 संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया था, जिन्हें पूछताछ के बाद अलसुबह छोड़ दिया गया। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने ट्वीट कर काफिले पर पथराव करने के पीछे किसका हाथ है, यह सवाल सीएम और गृहमंत्री से पूछा है।
घटना के बाद रतलाम व उज्जैन जिले की पुलिस ने जंगल और खेतों में भागे लोगों की तलाश शुरू की। पूरे गांव में 250 से अधिक पुलिस जवान पहुंचे। ज्यादातर लोग घर छोड़कर भाग गए। ताल पुलिस ने कल्लूखेड़ी सहित आसपास के गांव से करीब 70 लोगों संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया था, उधर नागदा के कोटा फाटक से भी एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया था।
करणी सेना के प्रदेश संयोजक यादवेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि करणी सेना मामले में अपने स्तर पर जांच कर रही है। हमारे कार्यकर्ताओं का तो इसमें कोई हाथ नहीं है। करणी सेना ने अब तक काले झंडे दिखाकर अपना विरोध दर्ज करवाया है। पुलिस ने कल्लूखेड़ी सहित कई गांवों में रातभर सर्चिंग कर ग्रामीणों के साथ अभद्रता की है, जिसके खिलाफ करणी सेना प्रदर्शन करेगी।
सोमवार रात जनआशीर्वाद यात्रा लेकर महिदपुर रोड आए मुख्यमंत्री के काफिले पर रतलाम के कल्लूखेड़ी गांव में पथराव हो गया, जिससे पुलिस की 3 गाड़ियों के कांच फूट गए। पथराव में उज्जैन के एडिशनल एसपी अभिषेक दीवान समेत 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान यह भी बात उठी कि सीएम के रथ पर भी पथराव हुआ है और कांच फूटा है। हालांकि इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की।
महिदपुर रोड थाना प्रभारी आर.सी. कोली का कहना है सभा के आधे घंटे पूर्व ही घटना हो गई थी। सीएम का रथ बाद में सुरक्षापूर्वक निकाला। हमने ताल व खारवाकलां पुलिस को एक दिन पहले ही सूचना दे दी थी। आलोट एसडीओपी प्रदीप विश्वकर्मा ने बताया हमें सूचना नहीं थी।
घटना के बाद रतलाम व उज्जैन जिले के विभिन्न थानों से बड़ी तादाद में फोर्स कल्लूखेड़ी पहुंचा। पुलिस को शंका है कल्लूखेड़ी के साथ ही रतलाम जिले के शेरपुर, मिनावदा व उज्जैन जिले के कुछ गांव के लोगों में से किसी ने घटनाक्रम को अंजाम दिया। घटना के बाद पुलिस आते ही कल्लूखेड़ी से ज्यादातर ग्रामीण घर छोड़कर खेतों व जंगलों में भाग गए।
घटनाक्रम में पुलिस की बड़ी चूक सामने आई है। सीएम का कार्यक्रम उज्जैन जिले में ही था लेकिन वे जिस रूट से निकले उस का कुछ हिस्सा रतलाम जिले में आता है। बावजूद उज्जैन पुलिस ने रतलाम पुलिस को सूचना नहीं दी। एेसा आलोट पुलिस का कहना है। उज्जैन पुलिस भी स्थिति भांप नहीं पाई।
घटना के बाद रतलाम व उज्जैन जिले की पुलिस ने जंगल और खेतों में भागे लोगों की तलाश शुरू की। पूरे गांव में 250 से अधिक पुलिस जवान पहुंचे। ज्यादातर लोग घर छोड़कर भाग गए। ताल पुलिस ने कल्लूखेड़ी सहित आसपास के गांव से करीब 70 लोगों संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया था, उधर नागदा के कोटा फाटक से भी एक दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया था।
करणी सेना के प्रदेश संयोजक यादवेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि करणी सेना मामले में अपने स्तर पर जांच कर रही है। हमारे कार्यकर्ताओं का तो इसमें कोई हाथ नहीं है। करणी सेना ने अब तक काले झंडे दिखाकर अपना विरोध दर्ज करवाया है। पुलिस ने कल्लूखेड़ी सहित कई गांवों में रातभर सर्चिंग कर ग्रामीणों के साथ अभद्रता की है, जिसके खिलाफ करणी सेना प्रदर्शन करेगी।
सोमवार रात जनआशीर्वाद यात्रा लेकर महिदपुर रोड आए मुख्यमंत्री के काफिले पर रतलाम के कल्लूखेड़ी गांव में पथराव हो गया, जिससे पुलिस की 3 गाड़ियों के कांच फूट गए। पथराव में उज्जैन के एडिशनल एसपी अभिषेक दीवान समेत 3 पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस दौरान यह भी बात उठी कि सीएम के रथ पर भी पथराव हुआ है और कांच फूटा है। हालांकि इसकी पुष्टि किसी ने नहीं की।
महिदपुर रोड थाना प्रभारी आर.सी. कोली का कहना है सभा के आधे घंटे पूर्व ही घटना हो गई थी। सीएम का रथ बाद में सुरक्षापूर्वक निकाला। हमने ताल व खारवाकलां पुलिस को एक दिन पहले ही सूचना दे दी थी। आलोट एसडीओपी प्रदीप विश्वकर्मा ने बताया हमें सूचना नहीं थी।
घटना के बाद रतलाम व उज्जैन जिले के विभिन्न थानों से बड़ी तादाद में फोर्स कल्लूखेड़ी पहुंचा। पुलिस को शंका है कल्लूखेड़ी के साथ ही रतलाम जिले के शेरपुर, मिनावदा व उज्जैन जिले के कुछ गांव के लोगों में से किसी ने घटनाक्रम को अंजाम दिया। घटना के बाद पुलिस आते ही कल्लूखेड़ी से ज्यादातर ग्रामीण घर छोड़कर खेतों व जंगलों में भाग गए।
घटनाक्रम में पुलिस की बड़ी चूक सामने आई है। सीएम का कार्यक्रम उज्जैन जिले में ही था लेकिन वे जिस रूट से निकले उस का कुछ हिस्सा रतलाम जिले में आता है। बावजूद उज्जैन पुलिस ने रतलाम पुलिस को सूचना नहीं दी। एेसा आलोट पुलिस का कहना है। उज्जैन पुलिस भी स्थिति भांप नहीं पाई।
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