रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र मंगलवार को शुरू हुआ। सदन ने दिवंगत राज्यपाल बलरामजी दास टंडन, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी और राज्य के पूर्व मंत्री रामचंद्र सिंहदेव को श्रद्धांजलि दी।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंह देव ने अटलजी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, कोई नहीं चाहता कि विपक्ष का नेता प्रधानमंत्री बने, लेकिन विपक्ष का कोई नेता प्रधानमंत्री बने तो वह अटलजी जैसा हो। कोई भी व्यक्ति अगर राजनीति में है तो उसे अटलजी से सीखना चाहिए। सत्र के दौरान सरकार चालू वित्तीय वर्ष का दूसरा अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी।
दिवंगतों को श्रद्धांजलि देते हुए विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल ने कहा कि दिवंगतों का समय-समय पर सानिध्य व मार्गदर्शन मिला है। अग्रवाल ने देश और प्रदेश के लिए इसे अपूर्णीय क्षति बताया। भूपेश बघेल ने डेंगू की वजह से मौत के शिकार हुए 38 लोगों को भी श्रद्धांजलि देने का आग्रह किया। सत्यनारायण शर्मा ने पीलिया से मरने वालों और नक्सली हमलों में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने दिवंगतों को स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि दी। सीएम ने अटलजी की यादों को राज्य में चिरस्थायी बनाने के लिए किए गए फैसलों की जानकारी सदन को दी। नेता प्रतिपक्ष टी एस सिंहदेव ने टंडन को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि कई मौकों पर उनसे मिलने और समझने का मौका मिला। जब भी हम लोग उनके पास गए अच्छे से सुना और उस पर पहल भी किया।
सोमनाथ से सीखें सदन को चलाने की परंपरा
टीएस ने आगे अपने भाषण में कहा कि सदन को चलाने की परंपरा सोमनाथजी से सीखी जा सकती है। पूर्व मंत्री रामचंद्र सिंहदेव के विषय में उन्होंने कहा कि मेरे लिए कोरिया अंकल बेहद ईमानदार थे, उनका पूरा राजनीतिक जीवन बेदाग रहा। उनके मन में रहता था कि मैं राज्य के विकास में क्या योगदान दे सकता हूं।
आज ही के दिन शिकागो में स्वामी विवेकानंद ने दिया था संदेश
अजय चंद्राकर ने कहा कि आज ही के दिन 11 सितम्बर 1893 में शिकागो में स्वामी विवेकानंद जी ने विश्व को संदेश दिया था। संयोगवश आज हम उन लोगो को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, जिन्होंने उनके संदेश को आगे बढ़ाने का काम किया है।
भूपेश बघेल ने कहा कि राज्यपाल के रूप में टंडन का कार्यकाल निर्विवाद रहा। अटल जी उदारवादी नेता के रूप जाने और पहचाने जाते हैं। सोमनाथ जी ने दलगत भावना से ऊपर उठ कर काम किया। सिंहदेव सहज सरल और मिलनसार व्यक्ति थे। डेंगू से मरे लोगों को भी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
पिता तुल्य थे रामचंद्र
कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि टंडन जी पिता तुल्य थे। अटल जी अजातशत्रु थे। आज हम सब इस विधानसभा में बैठे हैं तो यह अटल जी के देन है। अटलजी सबके स्वीकार्य नेता थे। सोमनाथ जी यहां पीठासीन अधिकारियों के सम्मलेन में आए थे तो उन्हें करीब से जानने का मौका मिला। रामचंद्र सिंहदेव हम सभी के लिए पिता तुल्य थे।
उच्च शिक्षा की नीति तैयार करने में टंडन ने निभाई बड़ी भूमिका
राजस्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा कि टंडन जी कुलाधिपति भी थे। मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला। वे सरल और ज्ञानी थे। सेमस्टर सिस्टम लागू कराने में उनकी अहम भूमिका रही। अटल जी हम सब जो राजनीति में है, हम सब प्रेणा है। हम लोग जब भाजपा में आए तब तक इसे अटल बिहारी वाजपेयी जी की पार्टी कहा जाता था। वे पहले नेता थे जिन्होंने अपनी पार्टी के लिए नियम बनाया की गर्भगृह में कोई नहीं जाएगा।
मुझे विधानसभा अध्यक्ष के रूप में पाकिस्तान जाने का मौका मिला। पाकिस्तान में भी लोग अटलजी के प्रति सम्मान रखते थे। सोमनाथ जी संसदीय इतिहास और कार्यो के प्रखर वक्ता थे। सिंहदेव सरल सहज और ईमानदार नेता थे। केशव चंद्रा ने भी दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी।
अहंकार से परे थे यह बड़े नेता
विधायक डॉ विमल चोपड़ा ने कहा कि टंडन जी इस उम्र में भी सक्रिय थे। अटलजी को शब्दों में नहीं बंधा जा सकता केवल महसूस किया जा सकता है। वे अपने विरोधियों का भी सम्मान करते थे। उनके मन मे अहंकार नहीं था। सोमनाथ, रामचंद्र सिंहदेव को भी श्रद्धांजलि दी। दिवंगतों के सम्मान में सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित।
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