नई दिल्ली. देश में पहली बार भारतीय वायुसेना के तेजस विमान में सफलतापूर्वक एरियल रिफ्यूलिंग की गई। यह प्रक्रिया मध्यप्रदेश के ग्वालियर में 20 हजार फीट की ऊंचाई पर सुबह 9.30 बजे पूरी हुई। इसके साथ ही भारत लड़ाकू विमानों के लिए एयर टू एयर सिस्टम विकसित करने वाले देशों के समूह में शामिल हो गया है।
वायुसेना के मुताबिक, लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस एएसपी8 में वायुसेना के आईएल78 टैंकर विमान से 1900 किलोग्राम ईंधन भरा गया। इस दौरान तेजस की रफ्तार 270 नॉट्स यानी 500 किलोमीटर/घंटा थी। रिफ्यूलिंग के दौरान तेजस की कमान विंग कमांडर सिद्धार्थ सिंह के हाथों में थी। ग्वालियर स्टेशन से एचएएल और एडीए ने इस प्रक्रिया की निगरानी की।
पूरी तरह से भारत में बना है तेजस : इस स्वदेशी लड़ाकू विमान को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने तैयार किया है। कंपनी के चेयरमैन और एमडी आर माधवन ने कहा, ''तेजस को एरियल रिफ्यूलिंग के हिसाब से डिजाइन किया गया था, यह सफल साबित हुआ।
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