नई दिल्ली. गुड़गांव में जमीन सौदे के मामले में शनिवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इस मामले में मुख्यमंत्री एमएल खट्टर ने रविवार को कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है। जिन लोगों को दोषी पाया जाएगा, उन्हें सजा मिलेगी। इस मामले में अलग-अलग एजेंसिया जांच कर रही हैं और कानून अपना काम करेगा।
उधर, पुलिस कार्रवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने कहा, "उन पर एक निजी शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया। यह राजनीतिक रूप से प्रेरित है। लोगों को मौजूदा सरकार की नीयत अच्छे से पता है। चुनाव आ रहे हैं, उनके पास हमारे खिलाफ कुछ भी नहीं है। सरकार केवल अपनी भड़ास निकाल रही है।" रॉबर्ट वाड्रा ने कहा, "चुनावी मौसम है, तेल के दाम बढ़ गए हैं, इसलिए जनता का ध्यान अहम मुद्दों से भटकाने के लिए मेरे एक दशक पुराने मुद्दे को उछाला गया है। इसमें नया क्या है?"
एफआईआर में दो रीयल एस्टेट कंपनियों के भी नाम : जमीन सौदा मामले में दर्ज एफआईआर में वाड्रा और हुड्डा के अलावा दो रीयल एस्टेट कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। यह मामला 10 साल पहले वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट लिमिटेड के द्वारा रीयल एस्टेट कंपनियों को जमीन और प्रोजेक्ट के लिए लाइसेंस मुहैया कराने से जुड़ा है। इस सौदे में वाड्रा पर अवैध तरीके से 50 करोड़ रुपए का फायदा उठाने का आरोप है।
'मेवात के सुरिंदर शर्मा ने की थी शिकायत': मानेसर के डीसीपी राजेश कुमार ने बताया कि पुलिस को मेवात निवासी सुरिंदर शर्मा की ओर से शिकायत मिली थी। इसमें जमीन सौदे में अनियमितता के आरोप लगाए गए। इसके आधार पर आईपीसी की धारा- 420, 120बी, 467, 468 और 471 के तहत केस दर्ज हुआ। साथ ही प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट, 1988 की धारा भी लगाई गई।
सौदा कैसे हुआ: एफआईआर में कहा गया है कि 2007 में रजिस्ट्रेशन के वक्त वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट की पूंजी सिर्फ एक लाख रुपए थी। अगले ही साल स्काई लाइट ने 7.5 करोड़ रुपए में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से सेक्टर-83 में 3.5 एकड़ जमीन का सौदा किया था। आरोप है कि वाड्रा ने इसके बदले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की मदद से ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज को प्रोजेक्ट के लिए टीएंडसीपी से लाइसेंस दिलाया। इसके बाद स्काई लाइट ने यह जमीन डीएलएफ कंपनी को 58 करोड़ से ज्यादा कीमत में बेंची। इसके बाद हरियाणा सरकार की ओर से दोनों रीयल एस्टेट कंपनियों को 350 एकड़ जमीन आवंटित की गई, जिससे इन कंपनियों ने करीब पांच हजार करोड़ रुपए कमाए।
जमीन आवंटन की जांच के लिए कमीशन बना: इससे पहले मई 2015 में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हुड्डा सरकार में गुड़गांव के चार गांवों में लैंड यूज बदलने की जांच के लिए जस्टिस एसएन ढींगरा कमीशन का गठन किया था। अप्रैल 2017 में तैयार कमीशन की रिपोर्ट में सामने आया था कि रॉबर्ट वाड्रा ने 2008 के जमीन सौदे में बगैर कोई पैसा लगाए अवैध तरीके से 50 करोड़ रुपए से ज्यादा का फायदा उठाया था।
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