नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की किताब 'मूविंग ऑन... मूविंग फॉरवर्ड: अ इयर इन ऑफिस' का नई दिल्ली में रविवार को विमोचन हुआ। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वेंकैया नायडू की तारीफ करते हुए विपक्ष पर इशारे ही इशारे में तंज कसा। मोदी ने कहा, वेंकैयाजी अनुशासन का पालन करने वाले व्यक्ति हैं, लेकिन मौजूदा वक्त में अनुशासन को आसानी से अलोकतांत्रिक मान लिया जाता है। अगर कोई अनुशासन की बात करता है तो उसे तानाशाह कह दिया जाता है।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि सदन जब ठीक से चलता है, तो चेयर पर कौन बैठा है, उसमें क्या क्षमता है, क्या विशेषता है, उस पर ज्यादा लोगों का ध्यान नहीं जाता है। सदस्यों के विचार ही आगे रहते हैं, लेकिन जब सदन नहीं चलता है तो चेयर पर जो व्यक्ति होता है, उसी पर ध्यान रहता है। वह कैसे अनुशासन ला रहे हैं, कैसे सबको रोक रहे हैं। इसलिए देश को वेंकैया नायडू को निकट से देखने का सौभाग्य मिला।
'वेंकैयाजी ने अटलजी से मांगा मन का मंत्रालय': नरेंद्र मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय की एक घटना का जिक्र किया। उन्होंने बताया, अटलजी वेंकैयाजी को कोई मंत्रालय देना चाहते थे। लेकिन वेंकैयाजी ने कहा, वे ग्रामीण विकास मंत्री बनना चाहते हैं। वह दिल से किसान हैं। वह किसानों और कृषि के कल्याण की दिशा में काम करते रहे हैं।
'वेंकैयाजी हर कार्यक्रम में समय पर पहुंचते हैं': मोदी ने कहा, "वेंकैयाजी के बारे में सुनकर हमें काफी गर्व होता है, वह कभी घड़ी, कलम और पैसे अपने पास नहीं रखते , फिर भी वे हर कार्यक्रम में तय वक्त पर पहुंचते हैं। वेंकैयाजी जिम्मेदारियों को साथ लेकर चलते रहे हैं।"
वेकैंया ने किताब मे एक साल के कार्यकाल का वर्णन किया: वेंकैया ने अपनी किताब 'मूविंग ऑन... मूविंग फॉरवर्ड: अ इयर इन ऑफिस' में बतौर उपराष्ट्रपति अपने कार्यकाल के एक साल की यात्रा का वर्णन किया। नायडू ने 11 अगस्त 2017 को उप राष्ट्रपति का पद संभाला था। उन्होंने इस किताब में नया भारत मिशन का भी जिक्र किया। वेंकैया ने कहा कि इस किताब को लिखने का विचार मौजूदा सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही की नीति के चलते आया। किताब विमोचन के मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा मौजूद थे।
मनमोहन सिंह ने कहा- इश्क के इम्तेहान और भी हैं: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, "वेंकैयाजी ने उपराष्ट्रपति, राजनीतिक और प्रशासनिक दफ्तर में काम किया। यह सब उनके अनुभवों में भी दिखता है। लेकिन अभी उनका बेस्ट आना बाकी है। एक कवि ने कहा है, सितारों के आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क के इम्तेहान और भी हैं।"
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