नई दिल्ली। आइडिया और वोडाफोन का विलय पूरा हो गया है। दोनो कंपनियों की ओर से शुक्रवार को इसका एलान किया गया। इस विलय के फलस्वरूप 1.6 लाख करोड़ रुपये (23.2 अरब डॉलर) की जिस वोडाफोन आइडिया लिमिटेड नामक कंपनी का गठन हुआ है वह 40.8 करोड़ ग्राहकों और 32 फीसद से अधिक बाजार हिस्से वाली देश की सबसे बड़ी सेल्युलर ऑपरेटर कंपनी होगी। अभी तक भारती एयरटेल को यह दर्जा हासिल था। विलय से दोनो कंपनियों को 14 हजार करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है।
आइडिया सेल्युलर का स्वामित्व रखने वाले आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला नई कंपनी के अध्यक्ष होंगे। दोनो कंपनियों ने बालेश शर्मा को सीईओ बनाने का निर्णय लिया है। वोडाफोन पीएलसी को मुख्य वित्तीय अधिकारी नियुक्त करने का अधिकार होगा। हिमांशु कपानिया ने आइडिया सेल्युलर के प्रबंध निदेशक पद से त्यागपत्र दे दिया है। लेकिन उन्हें नई कंपनी में गैर-कार्यकारी निदेशक के तौर पर लिया गया है।
विलय के बाद वोडाफोन इंडिया तथा आइडिया सेल्युलर रिलायंस जियो से मुकाबला करने की स्थिति में आ जाएंगी। रिलायंस जियो के आने के बाद दूरसंचार क्षेत्र में खलबली मच गई थी। इसी के साथ अस्तित्व बचाने की होड़ में कई कंपनियों ने कारोबार को सुरक्षित करने के नए तरीके आजमाने शुरू कर दिए थे। परस्पर विलय उनमें से एक था। भारती एयरटेल ने सबसे पहले नॉर्वे की कंपनी टेलीनॉर और फिर टाटा टेलीसर्विसेज लि. तथा टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र लि. की मोबाइल सेवाओं का अधिग्रहण कर विलय के क्रम की शुरुआत की थी।
तकरीबन 25 अरब डॉलर का भारी निवेश कर दो वर्ष में ही रिलायंस जियो ने अपनी 4जी डाटा सेवाओं के जरिये 23 करोड़ ग्राहक हासिल कर लिए हैं।
कुमार मंगलम ने कहा कि आज हमने देश की अग्रणी टेलीकॉम कंपनी का सृजन किया है। यह वास्तव में ऐतिहासिक क्षण है। यह एक बड़ा व्यवसाय खड़ा करना मात्र नहीं है। बल्कि यह एक नया सशक्त भारत बनाने तथा युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के हमारे नजरिये का प्रतीक है।
सौदे के तहत वोडाफोन इंडिया की कीमत 82800 करोड़ और आइडिया की 72200 करोड़ रुपये आंकी गई है। वोडाफोन के पास नई कंपनी की 45.1 फीसद हिस्सदोरी होगी। जबकि 4.9 फीसद इक्विटी के लिए 3900 करोड़ रुपये अदा करने के बाद आदित्य बिड़ला समूह के पास कुल 26 फीसद हिस्सेदारी होगी।
बयान के मुताबिक वोडाफोन आइडिया लि. के पास पूरे देश का 32.2 प्रतिशत बाजार हिस्सा होगा और नौ सर्किलों में यह पहले स्थान पर होगी।
इसके पास 64 करोड़ भारतीयों को कवर करने वाली 3,40,000 ब्रॉडबैंड साइटों तथा 1.2 अरब भारतीयों को कवर करने वाली दो लाख जीएसएम साइटों के अलावा 1850 मेगाहर्ट्ज का विशाल स्पेक्ट्रम पोर्टफोलियो तथा पर्याप्त संख्या में ब्रॉडबैंड कैरियर होंगे। जिसके जरिये वो 2जी, 3जी तथा 4जी प्लेटफार्म पर ग्राहकों को उन्नत व बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकेगी। नई कंपनी के पास 17 लाख खुदरा विक्रेताओं के अलावा सर्विस सेंटर के तौर पर 15 हजार ब्रांडेड स्टोर होंगे।
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