नक्सल क्षेत्र के लिए 200 बटालियन और मांगीं
रायपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2018 का फाइनल काउंट डाउन शुरु हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने राजनीतिक दलों और सभी 27 जिलों के कलेक्टर-एसपी, कमिश्नर, आईजी और अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों को लेकर बैठक की। तैयारियों को देखते हुए समझा जा रहा है कि दिसंबर में होने वाले चुनाव 2 चरण में हो सकते हैं।
हालांकि, सत्तारुढ़ भाजपा के साथ जोगी कांग्रेस ने तीन चरणों में और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने दो चरणों में चुनाव कार्यक्रम बनाने की मांग की। वहीं, आयोग ने वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने की तारीख एक बार फिर बढ़ाते हुए इसे 7 सितंबर तक कर दिया है। ये दूसरा मौका है जब आयोग ने तारीख बढ़ाई है। ऐसे वोटर जिनकी उम्र 1 जनवरी 2018 को 18 साल हो चुकी है, वे फाॅर्म 6 भरकर अपना नाम जुड़वा सकते हैं। ये सुविधा ऑनलाइन भी उपलब्ध है। 27 सितंबर को फाइनल मतदाता सूची का प्रकाशन कर दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार बस्तर आईजी ने नक्सल क्षेत्र में वोटिंग के लिए अलग चरण की मांग की। नक्सल क्षेत्र में 200 नई बटालियन की मांग भी की गई है।
रावत ने अपने दोनों आयुक्तों के साथ करीब साढ़े पांच घंटे मैराथन बैठक की। इसमें पिछले चुनाव से लेकर भावी चुनाव की तैयारियों के बारे में कलेक्टरों-एसपी की रिपोर्ट पर चर्चा की। दरअसल, आयोग की ओर से इस दूसरी समीक्षा बैठक के लिए सभी कलेक्टरों और एसपी को 11 बिंदुओं पर प्रजेंटेशन देना था। इसमें आयोग की ओर से पिछले चुनाव में कितनी शराब जब्त की गई, ऐसे मतदान केंद्र जहां सबसे ज्यादा चुनावी खर्च हुआ जैसी जानकारी मांगी गई थी। जिन जिलों की तैयारियों में कमियां रहीं वहां जल्द सुधार करने के निर्देश दिए गए। अफसरों के साथ बैठक में आयोग ने दो स्तर पर चुनाव तैयारियों का जायजा लिया। जिनमें से एक चुनाव के दौरान सुरक्षा इंतजाम और दूसरी प्रबंधन से जुड़ी थी।
सुगम मतदान पर फोकस : सुगम मतदान की तैयारियों पर आयोग की ओर से सबसे ज्यादा जोर दिया गया। इसके तहत सभी मतदान केंद्रों पर दिव्यांग वोटरों के लिए रैंप, व्हील चेयर जैसी सुविधाओं की तैयारियों की जानकारी ली गई। मतदाता सूची के चल रहे संक्षिप्त पुनरीक्षण पर भी अपडेटेड जानकारी मांगी गई थी। इसमें नए मतदाता, सर्विस वोटर, मतदाताओं के वेरीफिकेशन जैसे बिंदु शामिल थे।
वीवीपैट अवेयरनेस की किताबें न होने पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने नाराजगी जताई : न्यू सर्किट हाउस में चुनाव जागरूकता के लिए लगी प्रदर्शनी में ओपी रावत पहुंचे। तभी रावत ने प्रदेश निर्वाचन अधिकारी सुब्रत साहू से कहा कि वीवीपैट अवेयरनेस के लिए तो यहां कुछ है ही नहीं, किताबें नहीं रखीं। सुब्रत ने जवाब दिया- बहुत सारी चीजें यहां आ नहीं पातीं, जगह कम थी। इस पर रावत ने साहू को टोका और कहा- यह आपकी प्राथमिकता है, नजरअंदाज नहीं कर सकते। फोकस करना होगा। इसके बाद सुब्रत सफाई दी तो चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने भी नाराजगी जताई।
अधूरी जानकारी थी, फंस गए कलेक्टर-एसपी : रावत ने 7 घंटे अफसरों के साथ बैठक की। कुछ कलेक्टर-एसपी अधूरी जानकारी के साथ आए थे। रावत ने इसे तुरंत पकड़ लिया। सरगुजा संभाग के एक कलेक्टर से डाटा अपडेट न होने पर उन्होंने सवाल किया, पर संतोषजनक जवाब नहीं मिला। रावत ने कहा- जब जिले के मुखिया को ही जानकारी नहीं, तो बाकी का क्या होगा। डाटा अपडेट करें। एक एसपी से पूछा- आपके यहां कितने गैर जमानती वारंट हैं, उसे जानकारी नहीं थी। रावत ने कहा- बाहर जाएं, याद करें फिर आएं और बताएं। एसपी बाहर गए संख्या देखी और बताया। कुछ कलेक्टरों से कहा- आप ही अपडेट नहीं हैं, चुनाव कैसे कराएंगे। वेबसाइट सालों से अपडेट नहीं है, मतदाताओं को जागरूक कैसे करेंगे।
Comment Now