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Movie Review: डराते-डराते हंसाती भी है 'स्त्री', राजकुमार राव की बेहतरीन एक्टिंग

Fri, Aug 31, 2018 8:12 PM

इस फिल्म की शूटिंग श्रद्धा कपूर ने सिर्फ 20 दिनों में पूरी कर ली थी।

क्रिटिक रेटिंग 3.5/5
स्टार कास्ट राजकुमार रावश्रद्धा कपूर, अपारशक्ति खुराना, पंकज त्रिपाठी, अभिषेक बनर्जी
डायरेक्टर अमर कौशिक
प्रोड्यूसर दिनेश विजन, डीके
जोनर हॉरर कॉमेडी ड्रामा
ड्यूरेशन 127 मिनट

 

कहानी:फिल्म की कहानी मध्य प्रदेश के चंदेरी की है जहां विक्की(राज कुमारराव) एक लोकल टेलर है। अपने काम में एक्सपर्ट विक्की महिलाओं का नाप लिए बिना ही उन्हें देखकर उनके साइज के कपड़े सिल देता है। इसी वजह से उसे चंदेरी का मनीष मल्होत्रा कहा जाता है। विक्की के अलावा चंदेरी में स्त्री नाम की एक चुड़ैल के चलते फेमस है। ये चुड़ैल घर का दरवाजा खटखटाती है और आदमियों को उठा ले जाती है।

ऐसे में गांववाले स्त्री के बचने का एक रास्ता निकालते हैं और अपने घरों के बाहर चमगादड़ और गोमूत्र की स्याही बनाकर- 'ओ स्त्री कल आना' लिख देते हैं। हर साल यहां गांव में चार दिन का पूजा फेस्टिवल होता है। विक्की अपने दोस्त बिट्टू (अपारशक्ति खुराना) और जना (अभिषेक बनर्जी) के साथ रहता है। इस दौरान विक्की की मुलाकात श्रद्धा कपूर से होती है, जो केवल पूजा की चार रात ही गांव में रहती है। इन्हीं चार रातों में गांव के अंदर स्त्री का कहर बढ़ जाता है ऐसे में उसके दोस्त विक्की को बताते हैं कि उसकी गर्लफ्रेंड भूतिया है। तभी चंदेरी के रहने वाला रुद्र (पंकज त्रिपाठी) इन दोस्तों को चंदेरी पुराण के जरिेए स्त्री और उसके पीछे की सच्चाई के बारे में बताता है। अब क्या सच में श्रद्धा कपूर ही स्त्री है? स्त्री का रहस्य क्या है? इसके अलावा विक्की कैसे अपने दोस्त और दूसरे गांववालों को स्त्री के कहर से बचाता है। यही सब सवालों के जवाब आपको फिल्म में मिलेंगे।


रिव्यू:हॉरर के साथ-साथ कॉमेडी का मिक्सचर देना इतना आसान नहीं था इसे अमर कौशिक ने बखूबी संभाला है। इसका थोड़ा क्रेडिट राइटर राज और डीके को भी जाता है। साथ ही सुमित रॉय ने फिल्म के लिए बेहद ही फनी डायलॉग्स लिखे हैं और इसे स्टारकास्ट ने बेहद शानदार तरीके से रिप्रजेंट किया है। फिल्म में कुछ क्लासिक सीन्स भी हैं जिसमें एक पंकज त्रिपाठी और अपारशक्ति खुराना के बीच तो दूसरा विक्की और उसके पापा के बीच फिल्माया गया है। देखा जाए तो फर्स्ट हाफ पूरा कॉमेडी से भरा हुआ है। सेकंड हाफ में फिल्म का एनर्जी लेवल डाउन हो जाता है और कहीं-कहीं ये निराश करती है।

एक्टिंग:राज कुमार राव ने हमेशा की तरह फिल्म में बेहतरीन एक्टिंग की है। विक्की का कैरेक्टर में वे इस तरह घुसे हैं जैसे सालों से चंदेरी में ही रहते आ रहे हों। रूद्र के कैरेक्टर में पंकज त्रिपाठी ने भी अपने रोल के साथ पूरा न्याय किया है। रूद्र फिल्म में एक बुक शॉपकीपर और हाफ भूत एक्सपर्ट के रोल में हैं। वहीं दोस्त बनें अपारशक्ति खुराना और अभिषेक बनर्जी ने राजकुमार राव को शानदार सपोर्ट किया है। श्रद्धा कपूर फिल्म के काफी खूबसूरत दिखी हैं। फिल्म में बैकग्राउंड स्कोर देने वाले केतन सोधा और एडिटिंग करने वाले हेमंत सरकार ने बेहतरीन काम किया है। इस लिहाज से देखा जाए तो स्त्री को आप एक बार देख सकते हैं।

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