Saturday, 24th May 2025

इस वजह से विदेशों में चल रही सरकारी बैंकों की ये 70 ब्रांच होगी बंद

Mon, Aug 27, 2018 7:06 PM

 

नई दिल्ली। लागत बढ़ने की वजह से सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंक(पीएसयू) दुनियाभर में संचालित हो रही अपनी 70 ब्रांच को बंद करने या तर्कसंगत बनाने के काम में जुट गए हैं। सूत्रों के मुताबिक अव्यवहारिक विदेशी परिचालनों को बंद किया जा रहा है, जबकि कार्यकुशलता हासिल करने के लिए एक ही शहर या आस-पास के स्थानों पर चल रहे बैंक ब्रांच को खर्चे के हिसाब से तर्कसंगत बनाने का काम चल रहा है।

सूत्रों ने कहा कि इस कड़ी में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की चालू वित्त वर्ष में 70 विदेशी शाखाओं को बंद करने या तर्कसंगत बनाने की योजना है। पिछले वर्ष सरकारी बैंकों ने 35 विदेशी शाखाएं बंद की थी। आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक बैंकों की विदेशी में 159 शाखाएं चल रही हैं, जिसमें से 41 शाखाएं 2016-17 में घाटे में थी।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की 9 विदेशी ब्रांच घाटे में हैं, जबकि बैंक ऑफ इंडिया की 8 और बैंक ऑफ बड़ौदा की 7 ब्रांच घाटे में हैं। सरकारी बैंकों की 31 जनवरी 2018 तक, करीब 165 विदेशी शाखाओं के अलावा, संयुक्त उपक्रम और कई प्रतिनिधि कार्यालय हैं। एसबीआई की सबसे ज्यादा विदेशी शाखाएं (52) हैं, इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (50) और बैंक ऑफ इंडिया (29) का स्थान है।

सरकारी बैंकों के सबसे ज्यादा ब्रांच ब्रिटेन (32) और उसके बाद हांगकांग (13) और सिंगापुर (12) में हैं। पिछले साल नवबंर में हुए पीएसयू मंथन में बैंकिंग क्षेत्र के एजेंडे के अनुसार, बैंकों को लागत के लिहाज से कुशल बनाने के लिए विदेशी परिचालन को तर्कसंगत बनाने की दिशा में कदम उठाना है।

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