Saturday, 24th May 2025

नक्सली वारदात : जिस रास्ते से बेटा आ रहा था वहीं पड़ी थी पिता की लाश, सिर में दागी गोली

Mon, Aug 27, 2018 6:46 PM

कबीरधाम में पहली ऐसी वारदात, शव के पास मिला पर्चा, मुखबिरी में हत्या का संदेह

कवर्धा। जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर झलमला थाना क्षेत्र के ग्राम बोल्दा में पुलिस मुखबिरी के शक में शनिवार को नक्सलियों ने गोली मारकर एक व्यक्ति की हत्या कर दी। करीब आधे घंटे बाद जब उसका बेटा वहां से निकला तो उसने पिता का शव पड़े देखा। शव के पास ही एक पर्चा भी मिला है। जिससे नक्सली वारदात होने का पता चला है। कबीरधाम में अपनी तरह की यह पहली वारदात है। दो दिन पहले ही नक्सली लीडर पहाड़ सिंह ने सरेंडर किया था। माना जा रहा है कि पुलिस की सफलता से बौखलाए और मुखबिरी के संदेह में नक्सलियों ने इसे अंजाम दिया है। 

 

 

जानकारी के मुताबिक,  बोल्दा निवासी हेमंत कुमार पुत्र हेम प्रसाद  (55) देर शाम करीब 7.45 बजे झलमला से अपने घर लौट रहा था। तभी उसे घर से 100 मीट पहले सड़क पर शव पड़ा हुआ दिखाई दिया। शव देखकर उसने तुरंत अपने पिता को पहचान लिया। वह भागते हुए अपने घर पहुंचा, जहां उसकी मां अकेली बैठी थी। बेटे ने ही घर पहुंचकर उसे बताया कि नक्सलियों ने पिता को मार डाला है। शव के पास ही एक पर्चा भी मिला है। 

 

पर्चे पर किया मुखबिरी का जिक्र 
- हत्या के बाद नक्सलियों ने लाश के पास एक पन्ने का पर्चा फेंका था। पर्चे में लिखा है कि ये ( हेमप्रसाद) हमें यानि नक्सलियों को सामान पहुंचाता था और पुलिस को उनकी गतिविधियों की सारी जानकारी देता था। पर्चे में नीचे जीआबी (गोंदिया- राजनांदगांव- बालाघाट) डिवीजन लिखा था। नक्सलियों का ये डिवीजन एमएमसी (मध्यप्रदेश- महाराष्ट्र- छग) जोन के अंडर काम करता है। 


बात करना है बोल कर ले गए थे घर से दूर
- बकौल हेमंत कुमार सड़क पर पापा का शव देख मैं डर गया और भागते हुए घर पहुंचा, तो मां अकेली थी। पूछने पर मां ने बताया कि शाम को 14- 15 लोग आए थे। 8 लोग घर के भीतर आए व पापा (हेमप्रसाद शर्मा) को बातचीत करते हुए घर से दूर ले गए थे। 


भास्कर तत्काल: जिले में नक्सली जानते हैं पुलिस के कमजोर प्वाइंट 
- नए- नए पुलिसकर्मी तैनात हो रहे हैं। इससे सर्चिंग अभियान ढंग से नहीं हो पाता। हाल ही में 17वीं बटालियन सीएएफ के सी कंपनी को जंगल रेंगाखार में तैनात किया गया। वहीं कंपनी को हटाकर न्यू पुलिस लाइन अटैच किया। एसटीएफ के जवानों को भी बदला गया। इसी प्रकार इस क्षेत्र में जिला बल अंतर्गत डीआरजी के करीब 10 जवानों को इस क्षेत्र से हटा लिया गया। यह तबादला बीते 18 अगस्त को हुअा। पुलिस के ये वीक पॉइंट नक्सली जानते हैं। 


जहां नक्सल मूवमेंट की सूचना, वहीं भेजते हैं फोर्स 
- नक्सली पिछले 4 माह से विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। यानि जंगल तरेगांव के बाद कुकदूर क्षेत्र, बोड़ला के कुछ हिस्सों ने उपस्थिति दर्ज करा कर भाग जाते हैं। सूचना मिलते ही पुलिस उस क्षेत्र में चली जाती है। इसका फायदा 3 वर्षों से सक्रिय चिल्फी, जंगल रेंगाखार, झलमला थाना क्षेत्र के नक्सली को होता है। जिले में नक्सली गतिविधियाें अब बढ़ती जा रही है। 


अभियान तेज करेंगे 
जन अदालत लगाने की बात सामने नहीं आई है। आम नागरिक को उस क्षेत्र में मारे जाने की यह पहली घटना है। सुरक्षा बल पहले से मुस्तैद है। अब हम नक्सलियों के खिलाफ अभियान और तेज करेंगे।

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