Wednesday, 28th May 2025

बिहार: ना राजद से दूध मांगा और ना भाजपा से चीनी: खीर वाले बयान पर रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा की सफाई

Mon, Aug 27, 2018 6:25 PM

राजद ने कहा- उपेंद्र कुशवाहा अच्छे नेता, लेकिन गलत जगह पर फंस गए

  • कुशवाहा ने जोर दिया कि मेरी बातों की सही तरीके से व्याख्या होनी चाहिए
  • उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- रालोसपा मजबूत होगी तो एनडीए मजबूत होगा

 

पटना.   राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को अपने खीर वाले बयान पर सफाई दी। उन्होंने कहा- "मैंने किसी दल से जोड़कर बातें नहीं की थीं। मैंने समाज को जोड़ने को लेकर बयान दिया था। मेरी बातों की सही तरीके से व्याख्या होनी चाहिए। मैंने राजद से न तो दूध मांगा है और न भाजपा से चीनी मांगी है। मैंने किसी पार्टी का नाम नहीं लिया। दरअसल, कुशवाहा ने शनिवार को कहा था कि यदुवंशी (यादव समाज) का दूध और कुशवंशी (कुशवाहा समाज) का चावल अगर मिल जाए तो सबसे स्वादिष्ट खीर तैयार होगी।

इस बयान के बाद यह अटकलें लगना शुरू हो गई थीं कि उपेंद्र कुशवाहा ने यदुवंशी के दूध का जिक्र कर, लालू यादव की पार्टी से हाथ मिलाने के संकेत दिए हैं। लेकिन अब कुशवाहा इससे इनकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे बयान को किसी दल विशेष से जोड़कर क्यों देखा जाता है? हम सामाजिक न्याय की बात करते हैं। हम सभी से दोस्ती में विश्वास रखते हैं और दोस्ती का हाथ बढ़ाते हैं। रालोसपा मजबूत होगी तो एनडीए मजबूत होगा और एनडीए मजबूत होगा तो नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बनेंगे। 

राजद ने कहा था- कुशवाहा का महागठबंधन में स्वागत: राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कुशवाहा के खीर वाले बयान का समर्थन किया है। तिवारी ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा अच्छे नेता हैं, लेकिन गलत जगह पर हैं। कुशवाहा एनडीए छोड़कर जल्द हमारे गठबंधन में आ जाएं। वे अगर हमारे साथ आएंगे तो हम खुले दिल से उनका स्वागत करेंगे। उधर, राजद के नेता तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा-  "प्रेमभाव से बनाई गई खीर में पौष्टिकता, स्वाद और ऊर्जा की भरपूर मात्रा होती है। यह एक अच्छा व्यंजन है।"

बिहार में एनडीए में मतभेद: दरअसल, रालोसपा ने पिछला आम चुनाव एनडीए के साथ लड़ा था। अब जदयू के एनडीए में शामिल हो जाने के बाद भाजपा, रालोसपा और लोजपा के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है। जदयू का कहना है कि राज्य में वह बड़े भाई की भूमिका है। इसलिए उसे लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा 25 सीटें मिलना चाहिए।वहीं, लोजपा 7 और रालोसपा कम से कम 4 सीटें मांग रही है। अगर ऐसा होता है तो भाजपा को सिर्फ 4 सीटें मिलेंगी। 

 

बिहार में अभी किस पार्टी के कितने सांसद

कुल सीटें: 40 
- भाजपा: 23
- लोजपा: 6
- रालोसपा: 3
- जदयू: 2

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