Wednesday, 28th May 2025

डोकलाम विवाद के बाद पहली बार मिले भारत और चीन के रक्षा मंत्री, सैन्य सहयोग बढ़ाने पर बनी सहमति

Fri, Aug 24, 2018 5:56 PM

दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने कहा- रक्षा सहयोग बढ़ा तो टाले जा सकते हैं डोकलाम जैसे टकराव

हॉटलाइन जल्द शुरू करने पर सहमति बनी
- 2006 के समझौते की जगह नया समझौता करने पर फैसला

 


नई दिल्ली. भारत-चीन ने सैन्य सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और चीन के रक्षा मंत्री वेंग फेंघ के बीच गुरुवार को यहां दो घंटे तक चली बैठक में यह फैसला लिया गया। डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की यह पहली द्विपक्षीय बैठक थी। 
दोनों देशों ने डोकलाम जैसे टकराव से बचने के लिए सेना के बीच बातचीत का संवाद शुरू करने पर सहमति जताई। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, प्रस्तावित हॉटलाइन सेवा भी जल्द शुरू करने पर सहमति बनी। सशस्त्र बलों के बीच प्रशिक्षण, संयुक्त अभ्यास, अन्य पेशेवर बातचीत और संबंधों का विस्तार करने का फैसला किया गया। दोनों पक्षों ने रक्षा आदान-प्रदान और सहयोग पर 2006 में हुए समझौते की जगह एक नया द्विपक्षीय समझौता करने का भी निर्णय लिया।   

 

चीन-पाक कॉरिडोर पर भारत की आपत्ति : रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, सीतारमण ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर के मुद्दे पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि यह रास्ता पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरता है। यह भारत की संप्रभुता का हनन है। इसके अलावा सीमा पार आतंकवाद के कारण भारत की चुनौतियों, अफगानिस्तान में शांति-स्थिरता, दक्षिण चीन सागर में परिवहन जैसे मुद्दों पर भी दोनों नेताओं की चर्चा हुई।

 

जिनपिंग-मोदी के फैसलों को लागू करना मकसद : बताया गया है कि इस मुलाकात का मुख्य मकसद चीन के वुहान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई अनौपचारिक मुलाकात में किए गए फैसलों को लागू करना था। 27-28 अप्रैल को मोदी चीनी शहर वुहान में शी जिनपिंग से मिले थे। यहां अनौपचारिक बैठक में दोनों नेताओं के बीच डोकलाम विवाद के चलते खराब हुए द्विपक्षीय संबंधों को फिर से पटरी पर लाने की बात हुई थी। भारतीय-चीन बॉर्डर पर डोकलाम इलाके में दोनों देशों के बीच 16 जून 2017 से 28 अगस्त 2017 तक टकराव चला था। हालात काफी तनावपूर्ण हो गए थे। बाद में अगस्त में यह टकराव खत्म हुआ और दोनों देशों में सेनाएं वापस बुलाने पर सहमति बनी।

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