बिलासपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश से गुम हुए बच्चों की तलाश के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण के सुझाव को अमल में नहीं लाने व गोलमोल जवाब देने पर शासन को फटकार लगाते हुए छह सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया है।
प्रदेश से गायब हुए नाबालिगों केमामले में पुलिस द्वारा तलाशी में बरती जा रही लापरवाही को लेकर प्रकाशित खबर को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। मामले की सुनवाई के दौरान प्रदेश से नाबालिग बच्चों के गायब होने व मानव तस्करी की आशंका को देखते हुए कोर्ट ने इस पर रोक लगाने विधिक सेवा प्राधिकरण से सुझाव मांगा था।
इसमें विधिक सेवा प्राधिकरण ने प्रशासनिक, पुलिस अधिकारी व समाज सेवी संगठन के पदाधिकारियों की बैठक लेकर अपनी रिपोर्ट पेश की। हाई कोर्ट ने सितंबर 2017 को राज्य शासन को विधिक सेवा प्राधिकरण के सुझाव को लागू कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे।
मामले में चीफ जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी व जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की डीबी में सुनवाई हुई। शासन की ओर से जवाब शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत कर कहा गया कि इस कार्य के लिए कमेटी बनाई गई है।
इसके साथ ही महिला एवं बाल विकास विभाग को इसमें शामिल किया गया है। कोर्ट ने शासन के गोलमोल जवाब पर फटकार लगाते हुए कहा कि यह कोई जवाब नहीं है कि आपने कमेटी बनाकर महिला एवं बाल विकास विभाग को अभियान में शामिल किया है।
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