बॉलीवुड डेस्क.श्रीदेवी की कमबैक फिल्म 'इंग्लिश विंग्लिश' में उनकी बहन का किरदार कर चुकीं एक्ट्रेस सुजाता कुमार का रविवार रात करीब 11.29 बजे निधन हो गया है। वे 53 साल की थीं। मेटास्टेटिक कैंसर की फोर्थ स्टेज से जूझ रही सुजाता के शरीर के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। उन्हें मुंबई के लीलावती हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया था। सुजाता की बहन सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने सोशल मीडिया पर निधन की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "हमारी प्यार सुजाता नहीं रहीं। वे हमें अकेला छोड़कर चली गईं। कुछ घंटों पहले 19 अगस्त 2018 को रात 11.26 बजे वे हमें हमेशा के लिए छोड़ गईं। जिंदगी अब पहले जैसी नहीं रह सकती।"
2012 में सामने आई थी सुजाता के कैंसर की बात
रविवार को ही ये जानकारी सामने आई थी कि सुजाता कैंसर के चौथे स्टेज पर हैं और उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया है। सुजाता ने 'इंग्लिश-विंग्लिश' की रिलीज से पहले ही सितंबर 2012 में दिए एक इंटरव्यू में खुद को कैंसर से मुक्त घोषित किया था लेकिन एक बार फिर वो इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ गईं।
टीवी सीरियल्स में भी किया था काम
इंग्लिश विंग्लिश' के अलावा सुजाता ने 'रांझणा' और 'गोरी तेरे प्यार में' जैसी फिल्मों में काम किया था। उन्होंने अनिल कपूर स्टारर '24' में भी काम किया था। इसके अलावा उन्हें 'होटल किंग्स्टन' और 'बॉम्बे टॉकिंग' जैसे शोज में भी देखा जा चुका था।
क्या होता है मेटास्टेटिक कैंसर ?
ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. आलोक मोदी ने बताया कि बॉडी में जहां कैंसर बनता है, उसे प्राइमरी स्पॉट कहा जाता है। जब प्राइमरी स्पॉट से कैंसर सेल्स टूटकर खून या लिम्फ सिस्टम के जरिए बॉडी के दूसरे हिस्सों में फैलती हैं तो इसे मेटास्टेटिक कैंसर कहा जाता है। इस तरह के कैंसर सेल्स बॉडी के अन्य हिस्सों तक अपनी पहुंच बना लेते हैं, जिससे वहां ट्यूमर बनने लगता है। यानी इसमें कैंसर पूरे शरीर में फैल जाता है। इस प्रॉसेस को मेटास्टेटिक कहा जाता है। यह आमतौर पर कैंसर के चौथी स्टेज पर पहुंचने पर होता है। प्राइमरी स्पॉट से धीरे-धीरे यह डेवलप होता चला जाता है।
तेजी से फैलती है इस कैंसर की सेल्स
मेटास्टेटिक कैंसर की सेल्स इतनी ज्यादा स्ट्रॉन्ग होती हैं कि यह प्राइमरी स्पॉट को तोड़कर बॉडी के दूसरे पार्ट में फैलने लगती हैं। यह अलग-अलग हिस्सों में पहुंचकर ट्यूमर में बदल जाती हैं। मेटास्टेटिक कैंसर कितना खतरनाक है, यह इसपर डिपेंड करता है कि मेटास्टेटिक किस टाइप का है, कितना एग्रेसिव या स्ट्रॉन्ग है और ट्रीटमेंट शुरू होने के कितने समय पहले से बॉडी में है। आमतौर पर मेटास्टेटिक कैंसर ब्रेन, हड्डी, लिम्फ नोड्स, लिवर और लंग्स में होता है। कुछ रेयर मेटास्टेटिक मसल्स, स्किन और शरीर के दूसरे ऑर्गन में भी फैल जाते हैं। मेटास्टेटिक कैंसर और प्राइमरी कैंसर का नेचर एक जैसा ही होता है।
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