नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस ने 113 आपराधिक मामलों में आरोपी महिला अपराधी बसीरन (62) को शनिवार को राजधानी के संगम विहार क्षेत्र से गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार गैंग के सदस्य बसीरन को मम्मी कहते हैं। वह दिल्ली की महिला अपराधियों में से एक है। बशीरन के आठ बेटे भी उसके साथ हत्या, लूट और डकैती के मामलों में शामिल रहे हैं।
बसीरन 45 साल पहले राजस्थान से आकर दक्षिण दिल्ली में रहने लगी थी। पहले उसने यहां के स्लम एरिया में अवैध शराब का धंधा शुरू किया। उसके बाद बड़े अपराधों में शामिल होने लगी। कांट्रेक्ट किलिंग के केस में 8 माह से पुलिस को इसकी तलाश थी, जिसे शुक्रवार को संगम विहार इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया। अपराधियों के बीच इसे ‘मम्मी’ के नाम से पहचाना जाता है। महिला ने अपराध की दुनिया में कदम शराब बेचने से रखा था। लेकिन अब वह संगम विहार में सरकारी ट्यूबवैल पर कब्जा कर पानी बेचने के धंधे में भी उतर चुकी थी। बसीरन के 8 बेटे हैं, जिनमें एक नाबालिग को छोड़ सबका आपराधिक रिकॉर्ड है। 8 बेटों की वजह से महिला के खिलाफ लोग आवाज उठाने से भी डरते थे। खुद बसीरन पर एक्साइज एक्ट, कांट्रेक्ट किलिंग जैसे नौ मामले दर्ज हैं। वहीं बेटे शमीम पर मकोका सहित सबसे ज्यादा 42 केस हैं। पूरी फैमिली पर कुल 113 केस हैं।
बसीरन का परिवार बढ़ा, खर्च बढ़ा और अपराध भी बढ़ते गए:बसीरन मूलरूप से बसई अरेला जिला आगरा, यूपी की रहने वाली है। करीब चालीस साल पहले उसने धौलपुर राजस्थान निवासी मलखान से शादी की थी। अस्सी के दशक दोनों दिल्ली आ गए और गोविंदपुरी के नवजीवन कैंप में रहने लगे। नब्बे के दशक में दोनों संगम विहार आ गए। कमाई के लिए बसीरन ने शराब बेचनी शुरू कर दी। परिवार बढ़ता गया, खर्च बढ़ते गए और अपराधों का ग्राफ भी। महिला ने अपने बेटों को भी अपराध करने के लिए प्रेरित किया। मर्डर केस में गिरफ्तारी से बचने के लिए बसीरन दिल्ली छोड़ अहमदाबाद, इलाहबाद, मैनपुरी, फिरोजाबाद आदि शहरों में छिपती रही। शुक्रवार को वह संगम विहार इसलिए आई थी ताकि कोर्ट के आदेश पर सील हो चुके घर को छुड़ाने के लिए आगे की कानूनी प्रक्रिया की तैयारी कर सके।
पिछले साल हुए मर्डर के एक केस को सुलझाते हुए गिरफ्त में आई बसीरन: पिछले साल सितंबर में संगम विहार स्थित ‘के’ ब्लॉक के जंगल में एक दबी हुई बॉडी का हाथ बाहर निकलते देख किसी ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मिट्टी खुदवाकर शव बाहर निकलवाया। पोस्टमाॅर्टम से खुलासा हुआ कि उसकी हत्या गला घोंटकर की गई है। पहचान छिपाने के लिए शव को जलाया भी गया था। मृतक की पहचान मिराज के तौर पर हुई। पुलिस ने इस केस में इस साल जनवरी में सबसे पहले एक नाबालिग को पकड़ा। उसने आकाश उर्फ अक्की, विकास उर्फ विक्की, नीरज उर्फ जग्गी के संग मिलकर इस वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार ली। चारों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पांचवी आरोपी महिला मुन्नी बेगम को भी गिरफ्तार कर लिया। मृतक मिराज, मुन्नी का ही सौतेला भाई था और उसकी बेटी पर गलत नीयत रखता था। लिहाजा, मुन्नी बेगम ने मिराज की हत्या के लिए बसीरन को साठ हजार की सुपारी दी। इसके बाद बसीरन ने अपने गैंग में शामिल सदस्यों को इस साजिश में शामिल किया।
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