भोपाल, मध्यप्रदेश में गैर भाजपाई दलों को एकजुट करने एवं महागठबंधन को लेकर चल रही कवायद से बसपा अभी दूर नजर आ रही है। प्रदेश की सभी 230 सीटों पर उसकी चुनावी तैयारी और संगठन की गतिविधियां जोर-शोर से चल रहीं हैं, लेकिन गठबंधन के मुद्दे पर पार्टी सुप्रीमो मायावती के फरमान का इंतजार भी हो रहा है।
बसपा के प्रदेश प्रभारी रामअचल राजभर और प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार जिलों में जाकर विधानसभावार पदाधिकारियों को रणनीति समझाने में जुटे हैं। गठबंधन के बारे में अध्यक्ष और प्रभारी दोनों ही मौन हैं, उन्हें पार्टी सुप्रीमो के अगले आदेश का इंतजार है
कुरेदने पर वह इतना भर कहते हैं कि हमें प्रदेश की सभी 230 सीटों पर पूरी ताकत से चुनाव लड़ने के निर्देश हैं। बसपा अपने जनाधार वाले इलाके ग्वालियर-चंबल और विंध्य अंचल पर ज्यादा फोकस कर रही है। इन क्षेत्रों में उसे ज्यादा सीटें मिलने की उम्मीद है।
इसलिए जिताऊ प्रत्याशियों की खोजबीन तेज हो गई है। शनिवार 18 अगस्त को बसपा प्रदेश प्रभारी राजभर और अध्यक्ष अहिरवार ने भिंड जिले की सभी विधानसभाओं के लिए पार्टी पदाधिकारियों से जमीनी हकीकत पर विचार मंथन किया।
उल्लेखनीय है कि पिछले चुनाव में बसपा करीब तीन दर्जन सीटों पर निर्णायक भूमिका में उभरकर सामने आई थी। वर्ष 2013 के चुनाव में बसपा चार सीटों पर जीतकर आई, जबकि 11 क्षेत्रों में वह दूसरे स्थान पर रही। इसके अलावा डेढ़ दर्जन विधानसभा क्षेत्रों में बसपा प्रत्याशियों को तीसरा स्थान मिला।
यही वजह है कि बसपा नेताओं का आकलन है कि वह प्रदेश की 30-35 सीटों पर निर्णायक भूमिका निभाने की स्थिति में है। गठबंधन के मुद्दे पर खुलकर कोई भी पदाधिकारी बोलने को तैयार नहीं, लेकिन ऐसे संकेत हैं कि गठबंधन की स्थिति में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करने की योजना है।
Comment Now