रायपुर। पिछले कई दिनों से राजधानी के वनांचल इलाकों में जंगली हाथियों के उत्पात का खतरा मंडरा रहा था, वह फिलहाल टल गया है। अपने कुनबे से भटके पांच हाथियों का मूवमेंट अब बड़गांव से बदल कर कुकराडीह की ओर हो गया है। राहत की बात यह है कि भटके हाथी अपने कुनबे से मिल भी गए हैं।
हाथी कॉरिडोर बाधित होने के कारण हाथियों का मूवमेंट परिवर्तित होने के क्रम में महासमुंद के बार दल हाथियों के पांच सदस्य भटक गए थे और उनका मूवमेंट बड़गांव के पास पिछले कई दिनों से था।
वन विभाग इसको लेकर काफी सकते में था कि कहीं हाथी नदी पार कर राजधानी की सीमा में प्रवेश कर गए तो वनांचल इलाके में काफी उत्पात और आबादी वाले इलाके में तोड़फोड़ मचा सकते हैं। वन विभाग की टीम लगातार हाथियों पर नजर रखे हुए थी और प्रयास हो रहा था कि हाथियों का मूवमेंट बदल जाए।
शनिवार को हाथियों के दल ने महासमुंद के बड़गांव व आसपास के खेतों को नुकसान भी पहुंचाया था। संयोग रहा कि हाथियों का उत्पात ज्यादा नहीं हुआ। राहत देने वाली खबर उस समय आई जब पता चला कि हाथियों का मूवमेंट बदल गया है और वे कुकराडीह की ओर जा रहे हैं। अब रायपुर पर मंडरा रहा खतरा टल गया है और वन विभाग ने राहत की सांस ली है।
इनका कहना है
बार दल के भटके हाथियों का मूवमेंट अब बदल गया है। हाथी कुकराडीह के पास देखे गए हैं और राहत वाली बात है कि वे अपने दल के साथ मिल गए हैं। हाथियों का मूवमेंट बदलने से रायपुर की सीमा में प्रवेश करने की आशंका अब समाप्त हो गई है।
आलोक तिवारी, डीएफओ महासमुंद
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