- एअर इंडिया के पायलट बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बिना सैलरी के विमान उड़ाएंगे
- निपाह वायरस की शिकार हुई नर्स के पति ने महीनेभर की सैलरी बाढ़ पीड़ितों को दी
तिरुअनंतपुरम. केरल 94 साल की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है। 11 दिन से भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ में करीब 200 लोगों की मौत हो गई। सेना और एनडीआरएफ के जवान दिन-रात राहत कार्य में जुटे हैं। अलपुज्जा में एयर फोर्स के जीएसएफ विंग कमांडर प्रशांत ने जोखिम की परवाह न करते हुए बाढ़ में डूबे एक घर की छत पर फंसी 2 साल के बच्चे को एयरलिफ्ट कर बचा लिया। एयरफोर्स ने इस घटना वीडियो भी शेयर किया। इससे पहले नौसेना की टीम के सदस्य और शौर्य चक्र विजेता कैप्टन पी राजकुमार ने शुक्रवार को एक मकान की छत पर सी किंग 42बी हेलिकॉप्टर उतारकर 26 लोगों की जिंदगी बचाई थी।
उधर, बाढ़ पीड़ितों की मदद कर कई लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की। इनमें से कुछ नौकरी छोड़कर बचाव कार्य में जुट गए तो कई ने महीनेभर की सैलरी राहत कोष में दान कर दी। एअर इंडिया के पायलटों ने मदद के लिए बिना तनख्वाह के विमान उड़ाने की बात कही।
लोगों ने की थी मदद, वही दान कर दी : कोच्चि में रहने वाली ग्रेजुएशन की छात्रा हनान (21) ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में डेढ़ लाख रुपए दिए हैं। हनान उस वक्त चर्चा में आई थीं, जब कॉलेज की यूनिफार्म में वह मछलियां बेच रही थीं। एक मलयालम अखबार ने उनके संघर्ष की कहानी प्रकाशित की। सोशल मीडिया पर हनान की दास्तां वायरल हुई तो काफी लोगों ने उनकी मदद की। हनान का कहना है कि मेरी पढ़ाई के लिए काफी लोगों ने पैसे दिए, लेकिन अब बाढ़ पीड़ितों को इनकी ज्यादा जरूरत है।
निपाह ने ली थी नर्स की जान, पति ने दी पहली सैलरी : सरकारी कर्मचारी सजीश ने भी राहत कार्य के लिए महीनेभर की तनख्वाह दी है। उनकी पत्नी लिनि नर्स थीं। एक मरीज के इलाज के दौरान निपाह वायरस के संक्रमण से लिनि की मौत हो गई थी। इसके बाद राज्य सरकार ने लिनि के बलिदान को देखते हुए सजीश को सरकारी नौकरी दी थी। वहीं, कन्नूर जिले में रहने वाली 60 साल की रोहिणी के पास आय का कोई भी जरिया नहीं है। उन्हें हर महीने 600 रुपए की पेंशन मिलती है। इसके बावजूद रोहिणी ने 1000 रुपए राहत कोष में भेजे। उनका कहना था कि मैं एक महीना किसी भी तरह गुजार सकती हूं, लेकिन इस वक्त मेरी छोटी-सी रकम किसी के बहुत काम आ सकती है।
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