पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने संसद की वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया
- कई जगह जीतने के कारण इमरान की पार्टी को छह सीटें छोड़नी पड़ीं
इस्लामाबाद. पाकिस्तान की संसद ने शुक्रवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान को 18वां प्रधानमंत्री चुन लिया। उन्हें 176 वोट मिले, जबकि बहुमत के लिए 173 सीटों की जरूरत थी। वहीं, उनके विरोध में उतरे पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) के शहबाज शरीफ को 96 वोट मिले। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। इमरान शनिवार को शपथ लेंगे।
25 जुलाई को हुए आम चुनाव में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने 116 सीटें जीती थीं, लेकिन इमरान समेत कुछ उम्मीदवारों के एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव जीतने की वजह से पार्टी को छह सीटें छोड़नी पड़ीं। चुनाव आयोग ने पीटीआई को नौ सीटें अल्पसंख्यक कोटे की और 33 सीटें महिला कोटे की दीं। उसके पास कुल 152 सीटें हैं और बहुमत के लिए पीटीआई ने कई छोटे दलों से गठबंधन किया।
इमरान अब सिर्फ मियांवाली सीट पर : आम चुनाव में इमरान ने पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। अब उन्होंने सिर्फ मियांवाली सीट अपने पास रखी है और बाकी चार सीटें छोड़ दीं। उनकी पार्टी के गुलाम सरवर खान और ताहिर सादिक ने भी एक-एक सीट छोड़ी है। इससे पीटीआई के पास कुल 110 सीटें रह गईं।
इमरान को जरूरी संख्या से तीन वोट ज्यादा मिले
संसद में कुल सीटें | 336 |
बहुमत के लिए जरूरी थे | 173 |
पीटीआई को मिले वोट | 176 |
काम नहीं आया विरोध : चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद से ही पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) अन्य दलों के साथ मिलकर इमरान का विरोध कर रहे थे। उन्होंने चुनाव में धांधली होने का आरोप भी लगाया। हालांकि संसद में वोटिंग के दौरान उनका कोई दांव नहीं चला और पीटीआई ने सफलतापूर्वक बहुमत हासिल कर लिया।
एमएमए फिर बनी किंगमेकर? : चुनाव विश्लेषक सैयद मसरूर शाह के मुताबिक, फिलहाल यह खुलासा नहीं हुआ है कि इमरान का साथ देने वाले राजनीतिक दल कौन-से हैं। सूत्रों की मानें तो फजल-उर-रहमान की पार्टी मुताहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएमए) एक बार फिर पाकिस्तानी राजनीति में किंगमेकर माना जा रहा है। पार्टी के पास कुल 17 सीटें हैं। एमएमए ने 1997 से अब तक हर सत्तारूढ़ पार्टी को समर्थन दिया है।
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