Saturday, 24th May 2025

विदेश में सीरीज जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान अजीत वाडेकर का निधन, 3 रुपए के लिए बने थे क्रिकेटर

Thu, Aug 16, 2018 6:51 PM

वाडेकर ने टेस्ट करियर में एक शतक और 14 अर्धशतक की मदद से 2113 रन बनाए थे

 1966 में अजीत वाडेकर ने भारत के लिए पहला टेस्ट मैच खेला था

मुंबई. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर का बुधवार रात मुंबई के जसलोक हॉस्पिटल में निधन हो गया। वे 77 साल के थे। विदेश में सीरीज जीतने वाले वाडेकर भारत के पहले कप्तान थे। 1 अप्रैल 1941 को जन्मे वाडेकर ने 1966 में भारत के लिए पहला टेस्ट खेला था। आठ साल के करियर में उन्होंने 37 टेस्ट खेले। उन्होंने टेस्ट में एक शतक और 14 अर्धशतक की मदद से कुल 2113 रन बनाए। सरकार ने उन्हें 1967 में अर्जुन अवॉर्ड और 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया। वाडेकर के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताया।

इंजीनियर से क्रिकेटर बनने का सफर : वाडेकर इंजीनियर बनना चाहते थे। एक बार वे अपने सीनियर और पड़ोसी बालू गुप्ते के साथ बस से कॉलेज जा रहे थे। बालू कॉलेज की क्रिकेट टीम में थे। उन्होंने अजीत से पूछा कि क्या आप कॉलेज की टीम में 12वें खिलाड़ी बनेंगे? इसके लिए आपको तीन रुपए मैच फीस मिलेगी। उस वक्त तीन रुपए भी बड़ी रकम होती थी। अजीत इस ऑफर को ठुकरा नहीं सके और कॉलेज की क्रिकेट टीम में शामिल हो गए। बाद में सुनील गावस्कर के चाचा माधव मंत्री ने उनकी प्रतिभा को पहचाना। मंत्री के कहने पर वाडेकर को भारतीय टीम में जगह मिल गई।  

इंग्लैंड और वेस्ट इंडीज में पहली बार सीरीज जिताई: 1971 में भारतीय टीम अजीत वाडेकर की कप्तानी में वेस्ट इंडीज गई। पहले टेस्ट में भारत ने दिलीप सरदेसाई के दोहरे शतक की मदद से वेस्ट इंडीज को फॉलोऑन के लिए मजबूर कर दिया। हालांकि, यह टेस्ट ड्रॉ रहा। दूसरे टेस्ट में भारत ने सरदेसाई के शतक की मदद से वेस्ट इंडीज को सात विकेट से हरा दिया। अगले तीन टेस्ट ड्रॉ कराके भारत ने सीरीज 1-0 से अपने नाम कर ली। यह विदेश में भारत की पहली जीत थी। इसी साल टीम इंडिया वाडेकर की कप्तानी में इंग्लैंड दौरे पर गई। यहां उसने इंग्लैंड को 2-0 से हरा दिया। 

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