- 2014 में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित किए गए थे अलागिरी
- जनवरी 2017 से स्टालिन द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष
चेन्नई. द्रमुक अध्यक्ष करुणानिधि के निधन के छह दिन बाद उनके उत्तराधिकारी माने जा रहे एमके स्टालिन को बड़े भाई अलागिरी से चुनौती मिलती दिख रही है। चार साल पहले पार्टी से बर्खास्त किए जा चुके अलागिरी ने सोमवार को कहा, ‘‘मेरे पिता के प्रति निष्ठा रखने वाले पार्टी के सभी लोग मेरे साथ हैं। तमिलनाडु की जनता और द्रमुक का पूरा कैडर भी मेरे साथ है। इसलिए अब आने वाला वक्त जवाब देगा। जो कुछ हो रहा है, मुझे उसका दुख है, लेकिन मैं इतना ही कहना चाहता हूं।’’
स्टालिन और अलागिरी, दोनों ही करुणानिधि और उनकी पत्नी दयालु के बेटे हैं। अलागिरी का यह बयान ऐसे समय सामने आया है जब मंगलवार को ही पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक होनी है। बैठक करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने के लिए रखी गई है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन को स्थाई अध्यक्ष बनाने पर चर्चा हो सकती है। सभी पार्टी नेताओं के लिए इस बैठक में शामिल होना अनिवार्य किया गया है।
2014 में द्रमुक से निष्कासित किए गए थे अलागिरी : 67 साल के अलागिरी को मार्च 2014 में करुणानिधि ने ही द्रमुक से निष्कासित कर दिया था। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियां चलाने और वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करने का आरोप था। पार्टी से निष्कासन पर अलागिरी ने कहा था कि करुणानिधि उनके और स्टालिन के बीच भेदभाव करते हैं। करुणानिधि ने स्टालिन को 2014 में ही अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था और जनवरी 2017 में कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया था। पार्टी पर दावा करने के अलागिरी के ताजा बयान पर द्रमुक के महासचिव के. अनबालगन ने कहा कि स्टालिन के खिलाफ टिप्पणी करने का अलागिरी को कोई हक नहीं है, क्योंकि वे द्रमुक में ही नहीं हैं।
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