Saturday, 24th May 2025

ब्रिटेन में विजय माल्या के प्रत्यर्पण के संकेत

Wed, Aug 1, 2018 7:26 PM

लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने भारतीय बैंकों के 9000 करोड़ रुपये लेकर फरार शराब कारोबारी विजय माल्या के भारत प्रत्यर्पण के संकेत दिए हैं। अदालत ने भारतीय प्रशासन से माल्या के प्रत्यर्पण के बाद उसे रखे जाने वाले आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 का तीन हफ्ते में वीडियो मांगा है। साथ ही मामले की अंतिम सुनवाई की तारीख 12 सितंबर घोषित की है। कोर्ट ने इतने ही समय तक माल्या की जमानत अवधि भी बढ़ा दी है।

ब्रिटिश कोर्ट की जज एम्मा आर्बुथनॉट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान कहा कि वह मामले को पूरी तरह से नहीं सुन पाई हैं। उन्होंने केवल भारत सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे क्राउस प्रोसीक्यूशन सर्विस (सीपीएस) और माल्या के बचाव पक्ष की टीम को सुना है। माल्या के बचाव पक्ष के वकीलों ने दलील दी है कि मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 के हालात ठीक नहीं हैं। इसीलिए जज ने भारतीय प्रशासन से बैरक-12 का एक चरणबद्ध वीडियो देने को कहा है। इस बैरक में ही भारतीय अदालतों में मामलों की सुनवाई के दौरान माल्या को रखा जाना है।

ब्रिटिश की महिला जज एम्मा आर्बुथनॉट ने कहा, "मैं बैरक-12 का वीडियो देखना चाहूंगी। ताकि पता चले कि उसमें खिड़कियां हैं कि नहीं। यह वीडियो दोपहर में दिन की रोशनी में बिना किसी आर्टीफीशियल लाइट के शूट किया जाना चाहिए।" जज ने तीन हफ्ते में यह वीडियो सभी पक्षों को सौंपने को कहा है।

इससे पहले, भारत सरकार की ओर से सीपीएस के बैरिस्टर मार्क समर्स ने जज की चिंता को दूर करने के लिए भारत सरकार की ओर से आश्वासन पत्र और बैरक-12 के फोटो सौंपे। समर्स ने बताया कि इस बैरक में सिर्फ छह लोग रहेंगे और यह पूरी तरह से साफ-सुथरी है। निजी शौचालय और नहाने की सुविधा है। इसे नियमित रूप से साफ किया जाता है। गद्दे और चादर साफ-सुथरे होंगे और अन्य आश्वासनों को भी पूरा किया जाएगा।

जबकि माल्या के बचाव पक्ष की अगुवाई कर रहे क्लेयर मांटगोमरी ने कहा कि बैरक-12 में नेचुरल लाइट नहीं है। भारत सरकार के आश्वासन पर भरोसा नहीं किया जा सकता। जेल की फोटो में सूरज की रोशनी बहुत तेज दिख रही है। लेकिन यह नहीं पता कि वह आ किधर से रही है। वह जैसी भी रोशनी है, वह प्राकृतिक रोशनी नहीं है। माल्या की टीम जेल के निरीक्षण का दबाव बना रही थी। लेकिन सीबीएस ने जोर देकर कहा कि उसने निरीक्षण की जरूरत नहीं क्योंकि उसने पहले ही पर्याप्त सामग्री मुहैया करा दी है। हालांकि जज के जेल का वीडियो मांगने के कदम का सीबीआइ की टीम ने कोर्ट में स्वागत किया। टीम ने कहा कि भारत इन सभी आश्वासनों को लेकर पारदर्शी है। सीबीएस ने विगत आठ मई के विश्व भर में माल्या की संपत्ति जब्त करने के आदेश संबंधी दस्तावेज भी सौंपे हैं।

पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया माल्या तभी से जमानत पर बाहर है। उस पर नौ हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और फ्रॉड के मामले चल रहे हैं। अगर ब्रिटिश अदालत भारत सरकार के पक्ष में फैसला सुनाती है तो माल्या के प्रत्यर्पण आदेश पर ब्रिटेन के गृह सचिव के दस्तखत में दो महीने का समय लगेगा। हालांकि दोनों ही पक्षों को ब्रिटेन की उच्च अदालतों में फैसले के खिलाफ अपील करने का मौका मिलेगा।

धन चुराने व मनी लांड्रिंग से इन्कार

शनिवार की सुबह माल्या जैसे ही अदालत में सुनवाई के लिए पहुंचा उसने धन चुराने और मनी लांड्रिंग के आरोपों को झूठा करार दिया। उसने भारतीय अदालतों में बकाया रकम चुकाने की बात को दोहराते हुए कहा कि हमने कर्नाटक हाईकोर्ट को बकाया रकम चुकाने का एक अच्छा ऑफर दिया था। चूंकि संपत्ति अब अदालत के सामने और मैं खुद अदालत की पहुंच में हूं, उम्मीद करता हूं कि यह सब खत्म होगा। आखिर में तो कोर्ट ही फैसला करेगा।

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