Saturday, 24th May 2025

ट्रम्प ईरान के राष्ट्रपति से बिना शर्त बातचीत को तैयार, कहा- जहां जंग का खतरा, वहां किसी से भी मिलूंगा

Tue, Jul 31, 2018 6:53 PM

अमेरिका ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से मई में अलग होने का ऐलान किया था

ईरान ने चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ परमाणु करार किया था

- मई में समझौता खत्म होने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई 

 

वॉशिंगटन.  अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ परमाणु समझौता टूटने के तीन महीने बाद बिना किसी शर्त राष्ट्रपति हसन रुहानी से मिलने की इच्छा जताई। ट्रम्प ने सोमवार को कहा, ''मैं मुलाकात करने में भरोसा रखता हूं। इसके लिए किसी के साथ भी बातचीत को तैयार हूं। अगर वे मिलना चाहते हैं तो हम मिलेंगे, खासकर उन मुद्दों पर जिनकी वजह से जंग का खतरा बना हुआ है।'' 

ट्रम्प सोमवार को व्हाइट हाउस में इटली के प्रधानमंत्री के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। पत्रकारों ने उनसे ईरान से बातचीत को लेकर सवाल पूछा था। इस दौरान ट्रम्प ने परमाणु करार को बकवास करार दिया। हालांकि, ट्रम्प के बयान को उनके ही एडमिनिस्ट्रेशन ने खारिज कर दिया। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि अगर ईरान प्रतिबद्धता दिखाता है, तभी बातचीत होगी। वहीं, रुहानी के सलाहकार हामिद अबुतलेबी ने कहा कि ट्रम्प पहले ईरान जैसे महान राष्ट्र की इज्जत करना सीखें, फिर हमसे मिलने की बात करें।  

 

एक-दूसरे को दे रहे थे धमकी : 22 जुलाई को दोनों देशों के राष्ट्रपति के बीच ट्विटर पर तल्खी सामने आई थी। तब रुहानी ने ट्वीट में लिखा था, "हम अप्रभावित हैं। ...हम सदियों से यहां हैं। हमने अपने साम्राज्य सहित कई साम्राज्यों को बनते-बिगड़ते देखा है। हमारे उस साम्राज्य का जीवनकाल भी इतना लंबा रहा, जितनी कुछ देशों की उम्र भी नहीं है। सावधान रहो। शेर की पूंछ से मत खेलो, आपको पछताना पड़ेगा।" इसके जवाब में अगले ही दिन ट्रम्प ने चेतावनी दी थी। उन्होंने ट्वीट में लिखा, "दोबारा अमेरिका को मत धमकाना नहीं तो आपको ऐसे अंजाम भुगतने पड़ेंगे, जिसके उदाहरण इतिहास में भी नहीं मिलेंगे।"

 

इजरायल ने सबूत पेश किए तो अमेरिका ने समझौता तोड़ा : ईरान ने 2015 में चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ के साथ परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें ईरान ने आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने एटमी प्रोग्राम को रोकने का वादा किया था। लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुफिया एजेंसी मोसाद से मिले दस्तावेज के आधार पर मई में मीडिया के सामने प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा था- अब साबित हो चुका है कि ईरान ने परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकी। वह हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है। इसके बाद अमेरिका ने ईरान के साथ समझौता तोड़ दिया था।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery