नई दिल्ली. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में महागठबंधन के लिए चार विपक्षी दलों के बीच आम सहमति बनी है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। चारों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर चर्चा हो रही है। सपा 32, कांग्रेस 8 से 10 और रालोद 3 सीट पर चुनाव लड़ सकती है। बाकी सीटों पर बसपा के चुनाव लड़ने का अनुमान है।
गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर उपचुनाव में बसपा ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। दोनों सीटों पर सपा ने जीत दर्ज की थी। वहीं, कैराना सीट पर उपचुनाव रालोद ने जीता था। बाकी विपक्षी दलों ने रालोद को समर्थन दिया था। 2014 में ये तीनों सीटें भाजपा के पास थी।
उत्तर प्रदेश: 2014 में लोकसभा सीटों की स्थिति
पार्टी | सीटें | वोट शेयर (%) |
भाजपा | 71 | 42.6 |
सपा | 5 | 22.3 |
कांग्रेस | 2 | 7.5 |
अपना दल | 2 | 1 |
बसपा | 0 | 19.8 |
मध्यप्रदेश में भी साथ आ सकते हैं कांग्रेस-बसपा : इस साल के आखिर में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने हैं। मध्यप्रदेश में सपा और कांग्रेस की बीच बात चल रही है। कहा जा रहा है कि मायावती राज्य की 230 सीटों में से 50 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती हैं, लेकिन पार्टी के नेता बसपा को 30 से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं हैं।
ममता दिल्ली में, विपक्ष के नेताओं से मिलेंगी : तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी मंगलवार को तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचीं। माना जा रहा है कि वे विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए यूपीए चेयरमैन सोनिया गांधी समेत बाकी दलों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगी। साथ ही विपक्षी नेताओं को अगले साल 19 जनवरी को कोलकाता में होने वाली भाजपा विरोधी ताकतों की रैली के लिए आमंत्रित भी करेंगी। इसके अलावा ममता वकील राम जेठमलानी, भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा, भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात कर सकती हैं।
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