गुवाहाटी. असम में सोमवार को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) का फाइनल ड्राफ्ट जारी किया गया। इसके मुताबिक, 3.39 करोड़ में से 2.89 करोड़ लोगों को नागरिकता के लिए योग्य पाया गया है। 40 लाख लोगों को इस लिस्ट में शामिल नहीं किया गया। एनआरसी का कहना है कि ये सिर्फ ड्राफ्ट है। फाइनल लिस्ट नहीं है। जिन लोगों का नाम इस लिस्ट में नहीं है, वे राज्य की नागरिकता का दावा और आपत्ति कर सकते हैं। इससे पहले 31 दिसंबर को पहला ड्राफ्ट जारी किया गया था। तब 3.29 करोड़ में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम शामिल किए गए थे। अब यह आंकड़ा बढ़कर 2.89 करोड़ हो गया है।
एनआरसी के संयुक्त सचिव सत्येंद्र गर्ग ने बताया कि जिन लोगों के नाम पहले ड्राफ्ट में शामिल थे, लेकिन फाइनल ड्राफ्ट में शामिल नहीं हैं। वे अपने नाम को शामिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
एनआरसी की जरूरत क्यों: असम में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों का बड़ा मुद्दा रहा है। 80 के दशक में इसे लेकर छात्रों ने आंदोलन किया था, जिसके बाद असम गण परिषद और तत्कालीन राजीव गांधी सरकार के बीच समझौता हुआ। 1971 तक जो भी बांग्लादेशी असम में घुसे उन्हें नागरिकता दी जाएगी और बाकी को निर्वासित किया जाएगा। 1951 में एनआरसी तैयार किया था। तब से 7 बार इसे जारी करने की कोशिशें हुईं। 2013 में मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। अंत में अदालती आदेश के बाद ये लिस्ट जारी हुई है।
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