मासूमों से ज्यादती केस : ग्वालियर और कटनी में दो दरिंदों को सजा-ए-मौत
Sat, Jul 28, 2018 5:34 PM
कटनी में यह सजा कोर्ट में चालान पेश होने के 5वें दिन सुनाई; ग्वालियर में 33 गवाहों के बयान पर 22 दिन में फैसला
ग्वालियर/कटनी/भोपाल.प्रदेश में दुष्कर्म और दुष्कर्म के बाद हत्या के दो मामलों में शुक्रवार को दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। कटनी में 5 साल की बच्ची से दुष्कर्म केस में महज 5 दिन में सजा सुनाई गई। ग्वालियर में 6 साल की मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 37 दिन में फैसला आया। 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा वाला कानून बनने के बाद से प्रदेश में 5 दरिंदों को सजा सुनाई जा चुकी है।
कटनी : ऑटो चालक ने स्कूल ले जाते वक्त पांच साल की बच्ची से किया था दुष्कर्म:कटनी की विशेष अदालत ने 5 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को आरोपी ऑटो चालक राजकुमार कोल को फांसी की सजा सुनाई है। विशेष जज माधुरी राजलाल ताम्रकार ने यह सजा कोर्ट में चालान पेश होने के 5वें दिन सुनाई। मामले में 7 जुलाई को बच्ची के परिजन ने एफआईआर दर्ज कराई थी। अगले ही दिन पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस के मुताबिक शहर के एक प्रतिष्ठित परिवार ने अपनी बच्ची का दाखिला एक बड़े स्कूल में कुछ दिन पहले ही कराया था। ऑटो चालक राजकुमार अन्य बच्चों के साथ उस बच्ची को भी स्कूल ले जाता था। 4 जुलाई को सभी बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद राजकुमार बच्ची को सुनसान इलाके में ले गया और बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। दर्द से बिलखती बच्ची ने घर पहुंचकर माता-पिता को इसकी जानकारी दी थी।
बच्ची के साथ पाश्विक कृत्य:बच्ची के साथ किए गए क्रूर पाश्विक कृत्य के लिए यदि दोषी को कठोरतम दंड से दंडित नहीं किया गया तो यह हमारी भारतीय सामाजिक पारिवारिक धरोहर बेटियों के साथ न्याय नहीं होगा। -माधुरी राजलाल, षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश (कटनी)
5 सुनवाई में फैसला
4 जुलाई- दुष्कर्म।
6 जुलाई-एफआईआर।
7 जुलाई- आरोपी गिरफ्तार
12 जुलाई- चालान पेश।
23 जुलाई- सुनवाई शुरू।
27 जुलाई- मृत्युदंड।
ग्वालियर : छह साल की बच्ची को जंगल ले जाकर पहले दुष्कर्म किया, फिर हत्या
37 दिन पहले 20-21 जून की दरमियानी रात ग्वालियर में आमखो में आयोजित शादी समारोह से 6 साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म व हत्या करने वाले दरिंदे जितेंद्र कुशवाह (24) को अपर सत्र न्यायाधीश अर्चना सिंह ने दोहरे मृत्युदंड की सजा सुनाई है। फैसला केस की ट्रायल शुरू होने के बाद 22 कार्यदिवस में दिया गया। जज ने आदेश देते हुए कहा-मृत्युदंड मप्र हाईकोर्ट द्वारा सजा की पुष्टि के बाद ही दिया जाए। 2012 में नई दिल्ली में हुए निर्भया कांड के बाद बने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम-2012 पॉक्सो के बाद ग्वालियर का यह पहला मामला है। जिसमें आरोपी को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई। साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता अध्यादेश 2018 के प्रावधानों में संशोधन के पश्चात मप्र में आरोपी को दोहरे मृत्युदंड का यह पहला मामला है।
जज ने लिखा- आरोपी का घटना के बाद बिना डरे पुन: विवाह समारोह में शामिल होना दर्शाता है कि उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं... आरोपी का अपराध करने के बाद बिना डर, निर्भीकतापूर्वक घटनास्थल से वापस आकर सामुदायिक भवन में जाकर पुन: विवाह समारोह में शामिल होना यह दर्शाता है कि उसे न तो अपने किए का कोई पछतावा था और न ही उस पर इतने गंभीर अपराध का कोई प्रभाव पड़ा। जो यह दर्शाता है कि बेहद ठंडे दिमाग से कृत्य को अंजाम दिया गया।
सख्त सजा जरूरी:आरोपी के कृत्य से संपूर्ण समाज की सामूहिक आत्मा कांप गई है.. ऐसे अपराधी को कठोर से कठोर दंड देना जरूरी है। अन्यथा एक दिन दहेज जैसी कुरीतियों के समान इस प्रकार के अपराध कन्याभ्रूण हत्याओं की नींव बनने लगेंगे। -अर्चना सिंह, विशेष सत्र न्यायाधीश (ग्वालियर)
मुख्यमंत्री का ट्वीट : ग्वालियर में मासूम से दुष्कर्म व हत्या के मामले में त्वरित गति से मात्र 13 दिन के ट्रायल में फांसी की सजा सुनाकर माननीय कोर्ट ने अपेक्षित न्याय किया। बेटी को न्याय सहित पूरे समाज की रक्षा के लिए जिन लोगों ने सहभागिता की, उनका भी आभार। ईश्वर बेटी की आत्मा को शांति प्रदान करे। -शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री
लगातार 11 दिन सुनवाई
20 जून- दुष्कर्म
21 जून- एफआईआर
22 जून- आरोपी गिरफ्तार
2 जुलाई- चालान पेश
सुनवाई - लगातार 11 दिन
27 जुलाई- मृत्युदंड
प्रदेश में तीन माह में पांचवीं फांसी
-12 मई : इंदौर में 20 अप्रैल को राजबाड़ा के पास 3 माह की बच्ची से दुष्कर्म फिर हत्या। प्रदेश में पहली बार दोषी को 23 दिन बाद फांसी की सजा दी गई।
- 19 जून : खुरई में 43 साल के व्यक्ति ने 9 साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी। एक साल सुनवाई चली। 19 जून को फांसी की सजा मिली।
- 8 जुलाई : सागर जिले के रहली में 40 साल के व्यक्ति ने 9 साल की बच्ची को धर्मस्थल में ले जाकर दुष्कर्म किया। 46 दिन बाद फांसी की सजा।
देश में पहली बार... 2014 में बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के मामले में धनंजय चटर्जी को लटकाया था फांसी पर
14 साल की बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में कोलकाता की अलीपोर सेंट्रल कॉरेक्शनल होम में धनंजय चटर्जी नामक अपराधी को फांसी पर चढ़ाया गया था। 21वीं सदी में
आज तक देश में जितने लोगों को फांसी हुई, उनमें दुष्कर्म का यह अकेला मामला था।
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