कोलकाता. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की। ममता ने कहा, "अगले लोकसभा चुनाव के लिए बन रहे संभावित गठबंधन से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम नहीं होना चाहिए। साथ ही ये नाम अभी तय नहीं किया जाना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो क्षेत्रीय पार्टियों की एकता विभाजित हो जाएगी।'' ममता ने ये भी कहा कि भाजपा विरोधी क्षेत्रीय पार्टियों को साथ आना चाहिए और देश के हित में कुर्बानी देनी चाहिए।
2019 के लोकसभा चुनाव के लिए संभावित गठबंधन के लिए उमर अब्दुल्ला कोलकाता में ममता से मिलने पहुंचे थे। मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या आगामी लोकसभा चुनाव के लिए तैयार हो रहे गठबंधन की तरफ से ममता बनर्जी प्रधानमंत्री उम्मीदवार हो सकती हैं, उमर ने कहा, "इस समय विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुनना जल्दबाजी होगी। हमारा मकसद है कि सभी क्षेत्रीय पार्टियां साथ आएं और भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ें। इसके बाद नाम तय कर लेंगे।''
भाजपा तानाशाह जैसा बर्ताव कर रही: अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ लड़ने के लिए ममता विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगी हुई हैं। ममता का आरोप है कि भाजपा एक तानाशाह की तरह बर्ताव कर रही है। इसलिए सभी भाजपा विरोधी पार्टियों को एकसाथ आना चाहिए। ममता ने कहा, "हम (भाजपा विरोधी पार्टियां) अब बर्दाश्त नहीं कर सकते। देश के लिए कुर्बानी देने का समय आ गया है। हमें लोगों के लिए लड़ाई लड़नी है। 2019 में हम लोगों की, लोगों द्वारा और लोगों के लिए सरकार बनाएंगे।''
कांग्रेस भी भाजपा विरोधी फ्रंट का हिस्सा: उमर अब्दुल्ला ने कहा, "ऐसी सभी पार्टियां जो भाजपा विरोधी हैं, वो गठबंधन का हिस्सा रहेंगी। इसके लिए कोई शर्त नहीं रखी जाएगी। ममता दी लगातार बंगाल को बचाने और बेहतर बनाने की कोशिश में जुटी हुई हैं। इसके बाद हम उनका इस्तेमाल देश के विकास के लिए करेंगे। अगर इस समय हम प्रधानमंत्री उम्मीदवार की चर्चा करते हैं तो इससे भाजपा को हराने का मकसद प्रभावित होगा। जो पार्टियां फ्रंट का हिस्सा हैं, उनमें कोई विरोध नहीं है। हम सभी एक-दूसरे को सहयोग कर रहे हैं।'' अब्दुल्ला ने कहा कि गठबंधन को फेडरल फ्रंट नाम विपक्षी दलों ने नहीं, मीडिया ने दिया है।
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