मोहाली। अमृतसर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट घोटाले के मामले में मोहाली विजिलेंस कोर्ट ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह समेत मामले में सभी आरोपितों को बरी कर दिया है।
मामले में आज कैप्टन अमरिंदर सिंह कड़ी सुरक्षा के बीच अदालत में पेश हुए। इस दौरान अदालत ने मामले की कैंसिलेशन रिपोर्ट को मंजूर करते हुए 10 मिनट के भीतर अपना फैसला दिया।
बता दें, पूर्व अकाली सरकार के समय पंजाब विजिलेंस ब्यूरो द्वारा ट्रस्ट के बहुचर्चित 32 एकड़ जमीन घोटाले में कैप्टन सहित कई नेताओं पर मामला दर्ज किया गया था। मामले में विजिलेंस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट देकर कैप्टन व अन्य के खिलाफ कोई तथ्य न मिलने पर केस खत्म करने के लिए कहा था। लेकिन, इसके बाद पूर्व विधायक बीर दविंदर सिंह ने इस में सरकारी गवाह बनने के लिए अर्जी दायर कर दी थी।
बीर दविंदर सिंह ने अर्जी देकर कहा था कि उन्होंने इस केस को सामने लाने के लिए सारे प्रयास किए, लेकिन उनका पक्ष ही नहीं जाना गया। लेकिन 11 जुलाई को अदालत ने बीर दविंदर सिंह की अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद इस मामले में अब फैसला आया है।
ये था मामला
पंजाब में कैप्टन सरकार की विदाई के बाद सत्ता में आई अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार ने नगर निगम की 32 एकड़ जमीन में छूट देने पर बरती गई अनियमिताओं पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व पूर्व कैप्टन सरकार में मंत्री व अधिकारियों के खिलाफ विजिलेंस थाने में मामला दर्ज किया गया था। करीब एक दशक से मामला अदालत में विचारधीन था। इस पर अब फैसला आया है।
मामले में कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा पूर्व मंत्री चौधरी जगजीत सिंह, बलजीत सिंह, राजीव भगत, विधान सभा के पूर्व सचिव नछत्तर सिंह मावनी, किशन कुमार कौल, गुरचरण सिंह खारा, सुभाष शर्मा, जुगल किशोर शर्मा, रोहित शर्मा, संयुक्त सचिव तारा सिंह, महेश खन्ना, राजिंदर शर्मा, लक्की शर्मा, अश्वनी काले शाह व केवल किशन को नामजद किया गया था, जिनमें से चौधरी जगजीत सिंह व केवल किशन की मौत हो चुकी है।
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