इंदौर। द इंस्टिट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रटरीज ऑफ इंडिया ने बुधवार को सीएस फाउंडेशन परीक्षा के परिणाम घोषित किए। इसमें इंदौर के 15 विद्यार्थियों ने ऑल इंडिया रैंकिंग में पहले, दूसरे और नवें स्थान पर अपनी जगह बनाई है।
कंपनी सेक्रेटरी बनने की इस पहली सीढ़ी पर बेहतरीन अंकों के साथ सफल होने वाले विद्यार्थियों में महिमा संचेती ने एआईआर 1, स्नेहा जैन ने एआईआर 2 और हर्षिता किरकिरे ने एआईआर 9 प्राप्त की है। इस बार शहर का परिणाम 63.36 प्रतिशत रहा, जबकि जून 2017 का परिणाम 63 प्रतिशत था। इस प्रकार ऑल इंडिया टॉप 10 में इंदौर से जगह बनाने वाली तीनों गर्ल्स हैं।
इस परिणाम के बाद अब फाउंडेशन और सीपीटी के उत्तीर्ण विद्यार्थी जून में होने वाली एक्जीक्यूटिव एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। रजिस्ट्रेशन 31 अगस्त तक इंस्टिट्यूट की वेबसाइट पर कराना होगा। इसके अलावा दिसंबर में होने वाली सीएस फाउंडेशन की परीक्षा के ऑनलाइन फॉर्म 1 सितंबर से भरे जाएंगे।
एक नजर आंकड़ों पर
* जून 2017 में शहर का परिणाम 63 प्रतिशत था जबकि दिसंबर का परिणाम 72.61 प्रतिशत था।
* दिसंबर 2017 में भी ऑल इंडिया रैंकिंग में पहला स्थान शहर के विद्यार्थी ने प्राप्त किया था और ऑल इंडिया रैंकिंग 25 में 56 विद्यार्थी शहर के थे।
* जून 2017 के परिणाम में ऑल इंडिया रैंकिंग में 5, 6 और 7वें स्थान पर शहर के विद्यार्थी थे।
* जून 2016 का परिणाम 62.30 प्रतिशत और दिसंबर 2016 का परिणाम 72.95 प्रतिशत था।
* दिसंबर 2016 में ऑल इंडिया रैंकिंग में 10, 13 और 14वें स्थान पर शहर के विद्यार्थी थे।
स्टूडेंट्स की बात
रटने के बजाय तर्कों पर ध्यान देना जरूरी
एआईआर-1 महिमा संचेती
महिमा संचेती ने इस परीक्षा में ऑल इंडिया रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही महिमा ने बिजनेस एंड एन्वायर्नमेंटल लॉ में 100 में से 100 अंक प्राप्त किए हैं। महिमा का मानना है कि यदि वे मैनेजमेंट पर भी थोड़ा और ध्यान देती तो उसमें भी बेहतर अंक ला पाती। महिमा का मानना है टॉप करने के लिए रटने के बजाय तर्कों पर ध्यान देना जरूरी है। हर विषय पर पूरा ध्यान देने की आदत और अलग-अलग रेफरेंसेस से पढ़ने की कोशिश सफलता में सहायक होती है।
जरूरी है लगातार पढ़ते रहना
एआईआर-2 स्नेहा जैन
ऑल इंडिया रैंकिंग में दूसरा स्थान बनाने वाली स्नेहा जैन बीना की रहने वाली हैं और इंदौर में वे सीएस की पढ़ाई कर रही है। अपनी सफलता के मंत्र बताते हुए स्नेहा कहती हैं यह कोर्स ऐसा है जिसमें शुरुआती दौर से ही लगातार पढ़ाई करना होती है। शुरुआती महीनों में मैंने 3 से 4 घंटे ही पढ़ाई की, लेकिन परीक्षा के 4 माह पहले हर दिन करीब 8 से 10 घंटे की पढ़ाई की। मुझे एग्जाम फियर है इसलिए इस डर को कम करने के लिए मैंने सकारात्मक सोच को लेकर ही काम किया।
विशेषज्ञ की राय
कई रेफरेंस से पढ़ने में मदद
परीक्षा का परिणाम पिछले कुछ वर्षों से बेहतर हो रहा है। इसकी कई वजह हैं। जब किसी स्थान विशेष से रैंक आने लगती है तो वह एक मोटिवेशनल फैक्टर की तरह काम करता है। उस रैंक को बनाए रखने के लिए शैक्षणिक संस्थान और विद्यार्थी दोनों ही कोशिश करते हैं। पहले विद्यार्थी केवल इंस्टिट्यूट के या कोचिंग सेंटर के ही स्टडी मटेरियल पर निर्भर रहते थे। वर्तमान में विद्यार्थी कई रेफरेंस की मदद से पढ़ रहे हैं। ऑब्जेक्टिव बेस्ड पेपर होने के कारण विद्यार्थी ज्यादा से ज्यादा मॉकटेस्ट देने लगा है जिसका फायदा उन्हें मिल रहा है।
- सीए, सीएस रोहित खंडेलवाल
बढ़ते स्कोप के कारण और भी हुए गंभीर
पिछले कुछ सालों में सीएस मैंबर्स के साथ विद्यार्थियों का मेलजोल बढ़ा है। इससे स्टूडेंट्स नए ज्ञान और प्रेक्टिकल एप्रोच दोनों से ही रूबरू हो पा रहे हैं। कॉरपोरेट सेक्टर में बढ़ती संभावनाओं के कारण विद्यार्थी और भी ज्यादा गंभीर हो गए हैं और वे स्पर्धा में खुद को बनाए रखने के लिए अभी से तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा अब स्टडी मटेरियल आसानी से मिल जाता है। शहर के एजुकेशन हब बनने से शैक्षणिक संस्थान भी ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। इस बार शहर से 434 विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे इनमें से 275 विद्यार्थी सफल रहे और एआईआर 25 में 15 विद्यार्थी शहर के हैं।
-सीएस अनुराग गंगराड़े चेयरमैन, आईसीएसआई इंदौर चैप्टर
शहर के टॉप 10 विद्यार्थी
* महिमा संचेती- एआईआर 1
* स्नेहा जैन- एआईआर 2
* हर्षिता किरकिरे- एआईआर 9
* शिखर पांडे- एआईआर 12
* रिषिका पटेल- एआईआर 17
* दीक्षा नावले- एआईआर 17
* वंदना शर्मा- एआईआर 18
* विशा जैन- एआईआर 18
* ऐश्वर्या चौहान- एआईआर 20
* साक्षी यादव- एआईआर 21
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