Saturday, 24th May 2025

नए पाकिस्तान के कप्तान बने इमरान: प्रधानमंत्री बनने से 19 सीटें दूर, पाक ने हाफिज सईद को नकारा

Thu, Jul 26, 2018 7:14 PM

पाकिस्तान में कुल 342 सीटें हैं, 60 सीटें महिलाएं और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं, चुनाव 272 पर हुए

  • इस बार का चुनाव 'नए पाकिस्तान' के मुद्दे पर लड़ा गया 
  • सभी सर्वे में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को बढ़त दिखाई गई थी 
  • पीएमएल-एन, पीपीपी और हाफिज सईद ने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया

 

इस्लामाबाद से सैयद मसरूर शाह और मोना आलम.  पाकिस्तान में बुधवार को 272 सीटों के लिए हुए आम चुनाव की मतगणना जारी है। अब तक के रुझानों में इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार बनाने के करीब नजर आ रही है। वह 118 सीटों के साथ सबसे आगे है। वे बहुमत से 19 सीटें दूर हैं। बहुमत के लिए 137 सीटें जरूरी हैं। नवाज शरीफ के भाई शहबाज के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) 60 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) तीसरे नंबर पर है। इसके उम्मीदवार 35 सीटों पर आगे चल रहे हैं। आतंकी हाफिज सईद ने अल्लाह-ओ-अकबर तहरीक (एएटी) के बैनर तले 265 उम्मीदवारों को चुनाव में उतारा था, लेकिन उसे एक भी सीट पर बढ़त नहीं मिली।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, 2015 आम चुनाव की तरह ही इस बार भी 50% से 55% वोटिंग हुई है। पाकिस्तान में 10 करोड़ 50 लाख वोटर हैं। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं। 60 सीटें महिलाएं और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। चार प्रांत- पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में भी नई सरकार चुनी जाएगी।

चुनाव में गड़बड़ी का आरोप: पीएमएल-एन, पीपीपी और पाक सरजमीं पार्टी (पीएसपी) ने चुनाव में हेराफेरी का आरोप लगाया। शहबाज शरीफ ने वोटों की गिनती के दौरान ही लाहौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर नतीजों को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “मैं ये कहने के लिए मजबूर हूं, लेकिन हम इन नतीजों को पूरी तरह नकारते हैं।” 

चुनाव आयोग ने कहा- किसी का दबाव नहीं: पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने गुरुवार सुबह 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हमारे ऊपर किसी का दबाव नहीं है। रिजल्ट ट्रांसमिशन सिस्टम के पहली बार इस्तेमाल हो होने और तकनीकी गड़बड़ी की वजह से चुनाव के नतीजे घोषित करने में देर हुई।

आखिरी तख्तापलट के बाद पाक में यह चौथा चुनाव, चारों बार अलग-अलग दलों को मिली जीत
कुल सीटें : 272 बहुमत के लिए जरूरी : 137
पार्टी 2018 में सीटों पर बढ़त/नतीजे 2013 में सीटें 2008 में सीटें 2002 में सीटें
पीएमएल-एन (नवाज शरीफ) 60 126 69 19
पीपीपी (बिलावल भुट्टो) 35 31 91 81
पीटीआई (इमरान खान) 118  28 बहिष्कार किया 01
पीएमएल-क्यू 3 02 38 126
1999 में मुशर्रफ ने तख्तापलट किया था, इसके बाद 2002 में चुनाव हुए। पिछले 10 चुनाव में किसी भी पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत नहीं मिली। 1970 से 2013 के चुनाव में हर बार अलग-अलग दल जीते।


पंजाब में पीएमएल (एन), खैबर पख्तूनख्वा में पीटीआई आगे : पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत पंजाब में शहबाज और इमरान की पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर है। 292 प्रांतीय सीटों वाले पंजाब के रुझानों में सत्तासीन पार्टी पीएमएल-एन 104 सीटों के साथ बढ़त बनाए हुए है। हालांकि, पीटीआई 96 सीटों के साथ सीधी टक्कर में है। दूसरी तरफ खैबर पख्तूनख्वा की 99 सीटों के रुझानों में पीटीआई 54 सीटों पर बढ़त के साथ सरकार बनाती नजर आ रही है। जबकि आवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) ने बलूचिस्तान में सिर्फ 10 सीटों में ही बढ़त पर है। इसके अलावा सिंध में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने अपना दबदबा कायम रखा है। यहां पार्टी 60 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। 

 

प्रांतीय चुनाव : कहां किसे मिल रही बढ़त?

प्रांत कुल सीटें 2018 में रुझान 2013 में कौन जीता?
पंजाब 297 104 सीटों पर पीएमएल-एन आगे 213 सीटों के साथ पीएमएल-एन
सिंध 130 60 सीटों पर पीपीपी आगे 69 सीटों के साथ पीपीपी
खैबर पख्तूनख्वा 99 54 सीटों पर पीटीआई आगे 35 सीटों के साथ पीटीआई
बलूचिस्तान 51 10 सीटों पर बलूचिस्तान अवामी पार्टी को बढ़त 19 सीटों के साथ पीएमएल-एन और पीकेएमएपी गठबंधन

 

तीन प्रमुख उम्मीदवारों की सीटों का हाल

इमरान खान शहबाज शरीफ बिलावल भुट्टो
एनए-131 (लाहौर-9) आगे एनए-249 (कराची वेस्ट-2) रिजल्ट घोषित नहीं  एनए-246 (ल्यारी) आगे
एनए-95 (मियांवाली-1) आगे एनए-132 (लाहौर-10) रिजल्ट घोषित नहीं

एनए-200 (लरकाना-1)

आगे
एनए-35 (बन्नू) पीछे एनए-3 (स्वात-2) हारे एनए-8 (मालाकंद) रिजल्ट घोषित नहीं
एनए-53 (इस्लामाबाद-2) रिजल्ट घोषित नहीं  एनए-192 (डेरा गाजी खान-4) रिजल्ट घोषित नहीं     
एनए-243 (कराची ईस्ट-2) रिजल्ट घोषित नहीं       

 

सभी सीटें जीतने की स्थिति में ये उम्मीदवार कोई एक सीट ही रख सकेंगे, बाकी से इस्तीफा देना होगा।

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