एक गेट पार करने के बाद बोर्डिंग पास वहां दोबारा स्कैन नहीं होगा
- ई-गेट रीडर से स्कैन हुई जानकारी एयरलाइंस के डेटाबेस में पहुंचेगी
नई दिल्ली. मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु की घरेलू उड़ानों में सफर करने वालों को जल्द ही बोर्डिंग पास पर ‘सुरक्षा जांच’ की मुहर लगवाने की जरूरत नहीं होगी। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने तीनों हवाई अड्डों पर ई-रीडर गेट सिस्टम शुरू करने के लिए पत्र लिखा है। हैदराबाद हवाई अड्डे पर यह व्यवस्था पहले से लागू है।
मुंबई एयरपोर्ट ने सुरक्षा अधिकारियों के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट का ब्लूप्रिंट तैयार किया है। सूत्रों के मुताबिक, इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सबसे पहले मुंबई के छत्रपति शिवाजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के गेट नंबर-2 पर लागू किया जाएगा। उड़ान से पहले सुरक्षा जांच वाली जगह हाईडेफिनेशन सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जो मुसाफिरों की साफ तस्वीरें ले सकेंगे। यात्रियों को अपने बोर्डिंग पास का बार कोड ई-गेट रीडर से स्कैन कराना होगा, जिससे उनकी डिटेल एयरलाइंस के डेटाबेस में पहुंच जाएगी।
हर गेट पर बोर्डिंग पास स्कैनर लगेगा : बार कोड स्कैन होने के बाद बोर्डिंग पास उसी ई-गेट पर दोबारा इस्तेमाल नहीं हो सकेगा। यात्री को एंट्री प्वॉइंट, क्लियरिंग और बोर्डिंग गेट तीनों जगह बोर्डिंग पास का बार कोड स्कैन करना होगा। अगले गेट से यात्री तभी निकल सकेगा, जब पिछले गेट को उसने सही तरीके से पार किया होगा। कई देशों के हवाई अड्डों पर यह व्यवस्था लागू हो चुकी है। इनमें ऐसे एयरपोर्ट भी शामिल हैं, जो अतिसंवेदनशील हैं।
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