Saturday, 24th May 2025

'नए पाकिस्तान' के लिए वोटिंग शुरू; पीएम पद के 3 दावेदार, 3 से 5 सीटों पर लड़ रहे चुनाव

Wed, Jul 25, 2018 6:05 PM

इमरान खान, शहबाज शरीफ और बिलावल भुट्टो प्रधानमंत्री पद के दावेदार

 

- शाम 6 बजे वोटिंग खत्म होते ही शुरू हो जाएगी काउंटिंग

इस्लामाबाद से मोना आलम और सैयद मसरूर शाह. ‘नए पाकिस्तान' के लिए पड़ोसी मुल्क की जनता आज नई सरकार चुन रही है। नजर प्रधानमंत्री पद के तीन दावेदारों पर है। इनमें सबसे मजबूत दावेदार हैं इमरान खान। वे पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख हैं। वे पार्टी के 22 साल के इतिहास में अब तक की सबसे ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरे दावेदार हैं पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ। नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम के चुनावी दौड़ से हटने के बाद वे पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं।

तीसरे दावेदार हैं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बिलावल भुट्टो। बिलावल पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं। तीनों उम्मीदवार एक से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। बिलावल पहली बार चुनावी मैदान में हैं। पाकिस्तान में संसद यानी नेशनल असेंबली और प्रांतीय असेंबली के चुनाव एक साथ हो रहे हैं।

272 सीटों पर वोटिंग : नेशनल असेंबली में कुल 342 सीटें हैं। 60 सीटें महिलाएं और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। बाकी 272 सीटों पर वोटिंग होगी। चार प्रांत- पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में भी नई सरकार चुनी जाएगी। शाम छह बजे मतदान खत्म होते ही वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। 26 जुलाई को दोपहर दो बजे तक नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे। अब तक के सर्वे के मुताबिक, इमरान खान सरकार बनाते दिख रहे हैं। हालांकि, नवाज शरीफ का जेल जाना इमोशनल कार्ड के रूप में उनकी पार्टी पीएमएल-एन को फायदा पहुंचा सकता है।

क्या है नए पाकिस्तान का मुद्दा : 2013 तक पाकिस्तान के आम चुनाव में भारत का विरोध, कश्मीर की आजादी, बलूचिस्तान-अफगानिस्तान और अमेरिका मुद्दा होता था। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ-बेनजीर भुट्‌टो और पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ इन्हीं मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमते थे। इस बार ऐसा नहीं है। 65 साल के इमरान ने ही सबसे पहले नए पाकिस्तान का नारा दिया था। इसके बाद पाकिस्तान पीएमएल-एन के शहबाज शरीफ और पीपीपी के बिलावल भुट्‌टो ने भी अपने-अपने घोषणा-पत्र में पाकिस्तान को तरक्की की नई राह पर ले जाने का वादा किया। बिलावल तो यह तक दावा कर चुके हैं कि अगर वे प्रधानमंत्री बने तो छह महीने में मुल्क भारत से आगे निकल जाएगा।

 

इमरान सबसे ज्यादा पांच सीटों पर चुनाव लड़ रहे 
इमरान खान शहबाज शरीफ बिलावल भुट्‌टो
एनए-35 (बन्नू) एनए-249 (कराची वेस्ट-2) एनए-8 (मालाकंद)
एनए-53 (इस्लामाबाद-2) एनए-132 (लाहौर-10) एनए-200 (लरकाना-1)
एनए-95 (मियांवाली-1) एनए-3 (स्वात-2) एनए-246 (ल्यारी)
एनए-131 (लाहौर-9) एनए-192 (डेरा गाजी खान-4)  
एनए-243 (कराची ईस्ट-2)    
सभी सीटें जीतने की स्थिति में ये उम्मीदवार कोई एक सीट ही रख सकेंगे, बाकी से इस्तीफा देना होगा।

 

आखिरी तख्तापलट के बाद पाक में 3 चुनाव हुए, तीनों बार अलग-अलग दल जीते
पार्टी 2013 में सीटें 2008 में सीटें 2002 में सीटें
पीएमएल-एन 126 69 19
पीपीपी 31 91 81
पीटीआई 28 बहिष्कार किया 01
पीएमएल-क्यू 02 38 126
1999 में मुशर्रफ ने तख्तापलट किया था, इसके बाद 2002 में चुनाव हुए। पिछले 10 चुनाव में किसी भी पार्टी को लगातार दूसरी बार जीत नहीं मिली। 1970 से 2013 के चुनाव में हर बार अलग-अलग दल जीते।

 

किस प्रांत में कितनी सीटें?
प्रांत कुल सीटें
पंजाब 141
सिंध 61
खैबर पख्तूनख्वा 39
बलूचिस्तान 16
फाटा (कबाइली इलाका) 12
फेडरल कैपिटल 3
कुल 272

 

इमरान के लिए लाहौर जीतना मुश्किल : पंजाब पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के लिहाज से सबसे अहम राज्य है। 272 में से 141 सीटें यहीं हैं। यहां 2013 में नवाज शरीफ की पीएमएल-एन ने 118 सीटें जीतीं। वहीं, इमरान की पीटीआई को सिर्फ 8 सीटें मिलीं। प्रांत की राजधानी लाहौर की सभी सीटों को हमेशा पीएमएल-एन का गढ़ माना जाता है। यहां की 14 सीटों पर नवाज और उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों ने हमेशा जीत हासिल की है। हालांकि, ख्वाजा अहमद हसन पार्टी के इकलौते ऐसे प्रत्याशी हैं, जो 2013 में चुनाव हार गए थे। ऐसे में इमरान खान के लिए यहां की लाहौर-9 सीट से जीत हासिल करना काफी मुश्किल हो सकता है। अगर लाहौर में उनका दांव नहीं चला तो सरकार बनाना आसान नहीं होगा।

 

नेताओं को परेशान कर रहे चुनाव आयोग के फैसले : चुनाव आयोग ने सोमवार को एक नया फैसला सुनाया। इसके तहत महिलाओं के लिए रिजर्व सीटों पर पोलिंग एजेंट भी महिलाएं होंगी। यहां पुरुष पोलिंग एजेंट को आने की इजाजत नहीं है। इस फैसले पर महिला प्रत्याशियों ने खुशी जाहिर की है, लेकिन तीनों प्रमुख पार्टियों ने नाखुशी जाहिर की है। उनके प्रमुख नेताओं ने चुनाव आयोग को इस फैसले को गैरजरूरी कदम बताया। 

 

पाकिस्तान में 17 लाख हिंदू वोटर : 7 लाख 96 हजार किलोमीटर में फैले पाकिस्तान में 96.28% आबादी मुस्लिम है। यहां 1.6% हिंदू आबादी है, जो कई सीटों पर जीत तय करती है। इसके अलावा यहां 1.59% ईसाई और 0.58% अन्य धर्मों के लोग रहते हैं। वोटरों में 36 लाख अल्पसंख्यक हैं। इनमें 17 लाख हिंदू वोटर हैं। सिंध के उमरकोट में 49% और थारपारकर में 46% वोटर अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।

 

प्रांतीय चुनाव : कहां-कितनी सीटें, पिछली बार किसे सत्ता मिली?
प्रांत कुल सीटें पिछली बार कौन जीता?
पंजाब 297 213 सीटों के साथ पीएमएल-एन
सिंध 130 69 सीटों के साथ पीपीपी
खैबर पख्तूनख्वा 99 35 सीटों के साथ पीटीआई
बलूचिस्तान 51 19 सीटों के साथ पीएमएल-एन और पीकेएमएपी गठबंधन

इमरान आगे, लेकिन स्पष्ट बहुमत से दूर रहने के आसार : पीटीआई सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है। 2013 में उनकी पार्टी ने 28 सीटें जीती थीं, जिनमें से 17 सीटें खैबर पख्तूनख्वाह और 8 सीटें पंजाब से थीं। दिक्कत यह है कि उनके समर्थक रसूख तबके से हैं। अगर वे वोट देने नहीं आए तो इमरान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। हालांकि, युवा उनके साथ नजर आ रहा है। नवाज की बीमारी का इमोशनल कार्ड भी जनता पर असर डाल सकता है। दोनों पार्टियों पीटीआई और पीएमएल-एन के कुछ नेता निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। लिहाजा, किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत मिलने के आसार नहीं हैं।

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