Friday, 23rd May 2025

27 जुलाई को होने वाले चंद्र ग्रहण पर आ सकती हैं प्राकृतिक आपदाएं, इन कामों से बचें

Tue, Jul 24, 2018 8:19 PM

मल्टीमीडिया डेस्क। इस बार 27 जुलाई 2018 को 21वीं सदी का सबसे लंबा खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। ग्रहण 27 जुलाई की मध्य रात्रि में 11 बजकर 45 मिनट पर होगा और इसका मोक्ष काल यानी अंत 28 जुलाई की सुबह 2 बजकर 45 मिनट पर होगा।

चंद्र ग्रहण शुरू होने से अंत होने तक करीब 4 घंटे का रहेगा। ग्रहण पर ज्योतिषियों की भविष्यवाणी डराने वाली है। उज्जैन के ज्योतिषी पंडित मनीष शर्मा ने बताया कि आषाढ़ पूर्णिमा पर 27 जुलाई की रात खग्रास चंद्र ग्रहण होगा। यह 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण होगा।

इसे पूरे देश में इसे देखा जा सकेगा। भारत के साथ ही कई अन्य देशों पर भी 27 जुलाई को पड़ने वाले चंद्र ग्रहण का बुरा प्रभाव हो सकता है। उन्होंने बताया कि जब भी सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण एक ही महीने में होते हैं, तो प्राकृतिक आपदाएं आती हैं।

ग्रहण से भूकंप, चक्रवात, ज्वालामुखी व सुनामी की आशंका के अलावा उपग्रहों और विमानों में खराबी आने की आशंका भी बढ़ जाती है। इससे पहले 26 जुलाई 1953 को सबसे लंबा चंद्र ग्रहण पड़ा था। यह बीसवीं सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण था। इस दौरान ग्रीस में भीषण भूकंप आया था।

 

23 जुलाई को है देवशयनी एकादशी, शुरू हो रही है देवताओं की रात

इन कामों को करने से बचें

 

ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से करीब 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। सूतक काल में न करें पूजा-पाठ। इसके साथ ही ग्रहण के समय खाना खाने से भी बचना चाहिए। इस दौरान ग्रहण किया गया भोजन अशुद्ध हो जाता है। इसलिए जिन चीजों को फेंका नहीं जा सकता उन खाने पीने की चीजों में तुलसी की पत्ती डाल दें।

गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण काल घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। ग्रहण के समय निकलने वाली नकारात्मक किरणें माता और शिशु के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

 

ग्रहण काल में पति-पत्नी को संबंध नहीं बनाना चाहिए। इस समय में बने संबंध से पैदा होने वाली संतान को जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery