इस्लामाबाद/नई दिल्ली. पाकिस्तान में बुधवार 25 जुलाई को आम चुनाव होने वाले हैं। सीधी टक्कर दो पार्टियों के बीच मानी जा रही है। ये हैं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज यानी PMLN और क्रिकेटर से सियासतदान बने इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी PTI। आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी भी मैदान में तो है लेकिन उसे सरकार बनाने की दौड़ में नहीं माना जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में सबसे ताकतवर सेना ही होती है और वो इमरान खान के साथ है। खुफिया एजेंसी आईएसआई भी इमरान के पक्ष में ही काम कर रही है।
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इमरान के विरोधी जेल में
- नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम और दामाद सफदर भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में हैं। यानी इमरान की सबसे बड़ी चुनौती खुले तौर पर तो उनके सामने नहीं आ रही है। अलजजीरा और वॉशिंगटन पोस्ट की अलग-अलग रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सेना और नवाज शरीफ के रिश्ते कभी बहुत अच्छे नहीं रहे। लिहाजा, सेना नहीं चाहती कि नवाज की सत्ता में वापसी हो।
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हाईकोर्ट के जज का खुफिया एजेंसी पर आरोप
- इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शकूर सिद्दीकी ने तो एक तरह से देश की खुफिया एजेंसी ISI के खिलाफ विद्रोह कर दिया है। जस्टिस शकूर ने पिछले दिनों आरोप लगाया कि ISI की तरफ से जजों पर दबाव डाला जा रहा है कि वो नवाज शरीफ को जेल से बाहर ना आने दें। उन्होंने आरोप लगाया कि खुफिया एजेंसी न्यायपालिका के काम में सीधे तौर पर दखलंदाजी कर रही है। इतना ही नहीं जस्टिस सिद्दीकी ने इस्लामाबाद पुलिस पर भी आरोप लगाया कि वो ISI के इशारे पर काम कर रही है और इससे देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।
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नवाज के कई कार्यकर्ता गिरफ्तार
- अलजजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों में नवाज की पार्टी पीएमएलएन के कई कार्यकर्ताओं और नेताओं को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसी पार्टी के बड़े नेता हनीफ अब्बासी पर चुनाव के ठीक एक हफ्ते पहले मादक पदार्थों की तस्करी का आरोप लगाया गया और उन्हें आजीवन कारावास भी सुना दी गई। कुछ मीडिया हाउसेज जो सेना की मुखालफत के लिए जाने जाते हैं, उन पर भी चुपचाप पाबंदियां लगाई गईं या उनके सिग्नल रोके गए।
सेना के लिए इमरान के बोल
- इमरान ने मई में न्यूयॉर्क टाइम्स को एक इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने कहा था- ये पाकिस्तान यानी मेरे देश की सेना है, ये किसी दुश्मन मुल्क की आर्मी नहीं है। मैं हमेशा अपने देश की सेना को अपने साथ रखूंगा। हालांकि, तब इस पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेट कप्तान ने ये भी कहा था कि वो भारत से भी दोस्ताना रिश्ते चाहते हैं। अमेरिका के लिए इमरान का रुख कुछ आक्रमक था। उन्होंने कहा था- अमेरिकी ड्रोन हमारे नागरिकों को मार रहे हैं। अगर मैं सत्ता में आया तो सेना को आदेश दूंगा कि वो इन ड्रोन्स को मार गिराए।
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