Friday, 18th July 2025

स्विस बैंक की रिपोर्ट को सरकार ने नकारा, कहा- वहां भारतीयों की जमा रकम 4 साल में 80% कम हुई

Tue, Jul 24, 2018 8:09 PM

स्विट्जरलैंड की सेंट्रल बैंकिंग अथॉरिटी ने वहां जमा भारतीयों की रकम में एक साल में 50% बढ़ोतरी का दावा किया था

- जून में भी विपक्ष ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा था
- तब दो केंद्रीय मंत्रियों गोयल और जेटली ने कहा था कि स्विस बैंकों में जमा सारी रकम कालाधन नहीं 

 

 

नई दिल्ली.  सरकार का कहना है कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद स्विस बैंकों में भारतीयों की जमा रकम में 80% की कमी आई है। 2016 की तुलना में 2017 में इस रकम में 34.5% की गिरावट हुई। सरकार की ओर से वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यसभा में मंगलवार को कहा कि पिछले महीने स्विस बैंक के आंकड़ों को गलत समझा गया था। 
पिछले महीने स्विट्जरलैंड की सेंट्रल बैंकिंग अथॉरिटी स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि स्विस बैंकों में 2017 में भारतीयों की जमा रकम में 50.2% इजाफा हुआ। 2017 के आखिर तक वहां भारतीयों के करीब 7000 करोड़ रुपए जमा थे। मोदी सरकार के शुरुआती तीन साल में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा लगातार घट रहा था। लेकिन चौथे साल यानी 2017 में पहली बार यह रकम 50% तक बढ़ गई। यह 13 साल की सबसे तेज बढ़ोतरी बताई गई थी। इससे पहले 2004 में स्विस बैंकों में भारतीयों का पैसा 56% बढ़ा था। गोयल ने कहा कि स्विस बैंकों की रिपोर्ट में भारतीयों की जमा रकम में 50% की जो बढ़ोतरी बताई गई थी, वो इसलिए गलत थी क्योंकि उसमें देनदारियां, भारत में मौजूद स्विस बैंकों की शाखाओं की रकम और इंटर-बैंक ट्रांजैक्शंस भी शामिल थे। 

 

स्विस बैंकों से लगातार डेटा मिल रहा : वित्त मंत्री ने कहा, "हमने स्विटजरलैंड से नई संधि की है। इसके तहत 1 जनवरी 2018 के बाद जो भी ट्रांजैक्शन भारतीयों द्वारा स्विटजरलैंड में होंगे, उसका डेटा हमें अपने आप मिल जाएगा।" 

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