भोपाल।मध्य प्रदेश के बीते 24 घंटे से रुक-रुककर हो रही बारिश से 19 जिलों में नदी-नाले उफान पर हैं। कई जिलों में बाढ़ आ गई है। बारिश का सबसे ज्यादा प्रभावित सागर जिला हुआ है। दो दिन से जारी बारिश से पूरे शहर में जलभराव हो गया है। बीना में रेलवे ट्रैक पर पानी भरने से यातायात बाधित रहा। कई ट्रेनें और मालगाड़ी प्रभावित हुईं। वहीं जब तक ट्रैक पर पानी भरा रहा तब तक प्लेटफॉर्म पर गाड़ियों को खड़ा रखा गया। इधर होशंगाबाद में बारिश से नर्मदा और तवा का जलस्तर बढ़ गया है। सारनी सतपुड़ा बांध के 5 गेट खुलने से तवा में जलस्तर और बढ़ेगा। जबलपुर के ऊपरी क्षेत्रों में बारिश से मंगलवार शाम 4 बजे बरगी बांध के गेट खोले जाएंगे। इससे 36 घंटे बाद होशंगाबाद में नर्मदा का जलस्तर और बढ़ेगा। उज्जैन सहित आसपास के इलाकों में हुई बारिश से सोमवार को शिप्रा नदी आैर गंभीर डैम का जलस्तर बढ़ गया है।
24 घंटे में कहां कितनी बारिश:पचमढ़ी 92.0, गुना 63.9, होशंगाबाद 58.0, सागर 51.5, उज्जैन 49.0, सतना 49.2, जबलपुर 45.8, दमोह 44.0, शाजापुर 40.0, भोपाल 34.0, खजुराहो 32.2, टीकमगढ़ 30.0, रायसेन 30.2, श्योपुर 30.0, इंदौर 28.4, रीवा 28.0, ग्वालियर 21.2, धार 20.8, दतिया 15.4, सीधी 11.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
पूरे सागर में जलभराव, जनजीवन अस्तव्यस्त:सागर में रविवार शाम से शुरु हुई बारिश सोमवार शाम तक जारी रही। कभी तेज तो कभी हल्की बारिश के कई दौर हुए। जोरदार बारिश से नदी नालों से लेकर सड़कों तक पानी ही पानी नजर आया। बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ। रूसल्ला-बीना मार्ग पर गांव से करीब एक किमी दूर से गुजरा नाला उफान पर होने से मार्ग बंद रहा। इससे हड़कल जैन गांव की एक गर्भवती महिला को समय पर अस्पताल नहीं लाया जा सका और जब महिला को अस्पताल लेकर आए तो डिलीवरी के कुछ समय बाद नवजात बच्चे की मौत हो गई।
नदियां उफान पर, चार घंटे में बाढ़ जैसे हालात:बीना में मूसलाधार बारिश ने शहर में बाढ़ जैसे हालात बना दिए। बीना, बेतवा, परासरी, मोतीचूर सहित गांवों से होकर गुजरे नदी, नाले उफान पर होने से यातायात पूरी तरह बाधित रहा। 80 प्रतिशत गांव टापू बन गए। खुरई-रजवांस रोड पर बेरी स्टाॅपडेम पर रिपटा के ऊपर से पानी रहने पर रोड बंद रहा। पठारी रोड पर नदी पुल से होकर निकली। नरेन, बाडेल नदी सहित नालों में भी तेज बहाव रहा। बहरोल रोड भी बंद रहा।
उज्जैन में गंभीर डैम का जलस्तर:उज्जैन में गंभीर डैम का जलस्तर बढ़ गया। डैम आधे से ज्यादा भर गया। 11 घंटे में डैम में 138 एमसीएफटी पानी आया। इंदौर सहित कैचमेंट एरिया में अच्छी बारिश से रामघाट आैर दत्त अखाड़ा के किनारे बने घाट डूब गए। शाम 4 बजे नदी का पानी छोटे पुल से भी ऊपर निकल गया। दिनभर हुई बारिश से पूरे शहर में कई स्थानों पर सड़कों पर पानी भरने से समस्या भी हुई, जिससे सड़कों पर डेढ़ से दो फीट तक पानी भर गया। फ्रीगंज, गोपाल मंदिर, सतीगेट के बाजारों में सन्नाटा रहा।
रतलाम में भारी बारिश: भारी बारिश से शहर के निचले इलाकों में पानी जमा हाे गया। इस दौरान रतलाम-झाबुआ मार्ग पर करमदी स्थित पुलिया के ऊपर से पानी बहने से चार घंटे तक आवागमन बाधित रहा। इसी तरह बड़ोदिया गांव में कुड़ेल नदी में जलस्तर बढ़ने से पुलिया डूब गई। इससे आसपास के सात गांव जिला मुख्यालय से कटे रहे।
रायसेन में डैम और तालाब- लबालब:भले ही बारिश से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। लेकिन, इसके चलते सिंचाई विभाग के आधा दर्जन से अधिक तालाब और डैम लबालब भर गए हैं। वहीं अधिकतर तालाब और सिचाई परियोजनाएं में 50 फीसदी पानी जमा हो गया है। बेगमगंज की मध्यम सिचाई परियोजना सेमरी जलाशय,नगतरा नगझिरी, महुआ खेड़ा, तुलसी पार, देहगांव सहित कई तालाब सौ फीसदी भर गए। वहीं दूसरे डैमों में जल स्तर की स्थिति गत वर्ष की तुलना में कहीं अधिक है। आगामी दिनों में जिले के सभी तालाबों के 100 फीसदी भर जाने की उम्मीद बंध गई है। इसका असर भी सिंचाई के लिए कम पानी मिलने के तौर पर हुआ था। गत वर्ष रवि फसलों के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाया था। तालाबों में कम पानी होने के कारण रबी फसलों के लिए पलेवा और एक ही पानी मिल पाया था। लेकिन इस बार भरपूर मिलने की संभावना बन रही है।
बावनी नदी के पुल पर आया पानी:विदिशा में हैदरगढ़ क्षेत्र में नदी-नाले उफान पर आ गए। बावना नदी के पुल पर बाढ़ का पानी आ गया था। इस दौरान करीब 3 घंटे से ज्यादा समय तक हैदरगढ़ का बेगमगंज, गैरतगंज सहित मानौरा से सड़क संपर्क टूट गया था। वहीं, विदिशा शहर में सोमवार सुबह करीब 10 घंटे तक लगातार बारिश से शहर तर बदर होता रहा।
आज खुलेंगे बरगी के गेट:जबलपुर संभाग में महानदी, हिरन नदी, गौर नदी, परियट नदी, शेर नदी, शक्कर नदी, सुहार, बेलकुंड समेत अन्य नदियां और छोटे-बड़े नाले उफान पर हैं। बरगी डैम के कैचमेंट एरिया में हो रही मूसलाधार बारिश से डैम भी लबालब हो रहा है। रानी अवंती बाई सागर परियोजना, बरगी डैम के 7 गेट आज खोले जाएंगे। इसको लेकर अलर्ट घोषित कर दिया गया है। डैम का जलस्तर सोमवार की शाम 6 बजे 418.50 मीटर रिकार्ड किया गया था। अभी करीब 52 हजार 950 क्यूबिक फिट प्रति सेकंड पानी आ रहा है। जल भराव क्षमता 422. 76 मीटर है। जल विद्युत उत्पादन सयंत्रों के माध्यम से 3 हजार 710 क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जा रहा है। खोले जाने वाले सभी सात गेटों से प्रति सेकंड 49 हजार 265 घनफीट पानी छोड़ा जाएगा।
यहां बाढ़ की संभावना: बरगी बांध से पानी छोड़े जाने से निचले क्षेत्रों में बाढ़ आ सकती है। इनमे जबलपुर, ग्वारीघाट, तिलवाराघाट, भेड़ाघाट, सिवनी, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, रायसेन, देवास, सीहोर, खंडवा और खरगोन जिले के तटवर्ती क्षेत्र शामिल हैं । इसके अलावा बाढ़ के लिहाज से संवेदनशील स्थल बरगी, ग्वारीघाट, सिंगलदीप पनागर, मझौली व सिहोरा में 10-10 तैराकों की टीम तैनात की गई हैं। प्रत्येक टीम को एक-एक मोटर बोट व 15-15 लाइफ जैकेट दिए गए हैं।
इसलिए हो रही बारिश: वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि अति कम दबाव का क्षेत्र जो झारखंड में था वह मप्र के रीवा- शहडोल संभाग सहित उत्तर पूर्वी हिस्से में शिफ्ट हो गया है। यहीं पर हवा के ऊपरी हिस्से में 7.6 किमी की ऊंचाई तक चक्रवाती हवा का घेरा बना हुआ है। यह ऊंचाई के साथ दक्षिणी की भाग की ओर झुका हुआ है। इसके दक्षिणी भाग में जो भी जगह आएंगी वहां भारी बारिश होगी। इनमें से एक दो जगह 15 से 20 सेमी बारिश होने की संभावना भी है। शुक्ला के मुताबिक इस सीजन में अभी तक जो भी सिस्टम आए थे वे मप्र आने से पहले ही खत्म हो गए थे या मप्र में आकर कमजोर हो गए थे। इन सिस्टमों का घेरा भी हवा के ऊपरी भाग में सिर्फ 1.5 किमी तक ही बना था। अति कम दबाव का क्षेत्र यानी वेल मार्क लो ऐसा पहला सिस्टम है जो 7.6 किमी तक बना है।
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