भोपाल। पूरे प्रदेश बीती रात से मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। नदी-नालों में उफान आ गया है। कई स्थानों पर सड़क संपर्क टूट गया है। जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। छतरपुर में नदी में फंसे 11 बच्चों को बचा लिया गया है। ये बच्चे खेत में लगे पेड़ पर जामुन खाने गए थे। तभी अचानक नदी में बाढ़ आ गई थी। मुरैना जिले के एक गांव में तेज बारिश से घर की दीवार गिरने से गर्भवती महिला की मौत हो गई। भोपाल में सोमवार सुबह से बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने प्रदेश के 20 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
मौसम विभाग की चेतावनी: मौसम विभाग ने 24 घंटों में भोपाल, सागर गुना, रतलाम, मंडला, इंदौर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, होशंगाबाद, अशोकनगर, राजगढ़, रायसेन, सीहोर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडोरी एवं अनूपपपुर में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
24 घंटे में कहां कितनी हुई बारिश: रतलाम 105.2, मंडला 86.4, सागर 70.5, खजुराहो 63.4, पचमढ़ी 58.0, नरसिंहपुर 51.0, छिंदवाड़ा 48.2, जबलपुर, 47.1, सतना 44.8, उज्जैन 46.0, उमरिया 36.4, रीवा 34.2, गुना 28.8, सीधी 22.0, होशंगाबाद 17.6, बैतूल 14.2, दमोह 14.0, ग्वालियर 13.1, इंदौर 12.5, रायसेन 11.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
मकान की दीवार गिरने से दबी गर्भवती महिला की मौत:मुरैना शहर से 10 किमी दूर दीखतपुरा पंचायत के फद्दीपुरा गांव में रविवार सुबह हुई बारिश के दौरान कच्ची दीवार ढह गई। दीवार के मलबे में 5 माह की गर्भवती रचना पत्नी बनवारी कुशवाह दब गई। गांव का रास्ता खराब होने परिजन उसे खटिया पर रखकर एक किमी तक पानी व दलदल के बीच होकर मेन सड़क तक लाए। यहां ट्रैक्टर के कल्टीवेटर (हल) पर खटिया रखकर महिला को जिला अस्पताल लेकर आए। जहां डॉक्टरों ने स्वास्थ्य परीक्षण करते ही महिला को मृत घोषित कर दिया।
भोपाल में झमाझम के आसार: वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एके शुक्ला ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना सिस्टम झारखंड तक पहुंच चुका है। इसके सोमवार अलसुबह तक छत्तीसगढ़ पहुंचने का अनुमान है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार इस सिस्टम का असर भोपाल समेत मप्र में भी होगा। भोपाल जिले में पिछले 13 दिन से बारिश का दौर चल रहा है। इस दौरान 12 और 17 जुलाई को जोरदार बारिश हुई। ज्यादातर दिनों में हल्की ही बारिश हुई, लेकिन दौर जारी रहा।
रतलाम में अब तक 413.3 मिमी बारिश : बीते चौबीस घंटे में जिले में 105.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर हैं। जिला मुख्यालय का कई स्थानों से सड़क संपर्क टूट गया है। घरों में पानी घुसने की भी सूचना है। जिले में 413.3 मिमी बारिश हुई है। पिछले साल से 35.5 मिमी ज्यादा है। पिछले साल 377.8 मिमी बारिश हुई थी। रविवार शाम तक शहर में 5.6 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। जिले में बाजना में 29 तो रावटी में 29.4 मिमी बारिश हुई।
ग्वालियर में 5 घंटे में 72.7 मिमी बारिश : ग्वालियर में मानसून सीजन में रविवार को अब तक की सबसे तेज बारिश हुई। इसके चलते शहर में पांच घंटे में 72.7 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। इससे पहले 18 जुलाई को दिनभर में 90 मिमी बारिश हुई थी। इस तरह चार दिन के अंतराल में रविवार को अब तक के सीजन की सबसे तेज बारिश रही। इससे शहर का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। कई इलाकों में पानी घरों में जा घुसा तो घरों में रखा सामान पानी के साथ बहकर बाहर आ गया। कई इलाकों में बिजली गुल हो गई। गुप्तेश्वर पहाड़ी पर चार और पुरानी छावनी में एक मकान धराशायी होने से सात लोग घायल हो गए। इनमें से एक को उपचार के लिए दिल्ली भेजा गया है। उधर ढोलीबुवा पुल के पास सड़कों के साथ-साथ स्वर्णरेखा में चार पहिया वाहन बहते दिखे।
सौंसा के तालाब में नहाने उतरा किसान डूबा, देर रात तक नहीं लगा सुराग :ग्वालियर के नजदीक ग्राम सौंसा स्थित तालाब भर गया। गांव के ही किसान पोखन (42) पुत्र ख्याल सिंह तालाब में नहाने उतरे तो अचानक वह गहरे पानी में जाने से डूब गए। पहले तो गांव वालों ने उन्हें ढूंढने की कोशिश की लेकिन जब वह नहीं मिले तो उटीला थाना पुलिस को सूचना दी। पुलिस और एसडीआरएफ की टीम पहुंची। देर रात तक ढूंढने के लिए गोताखोर पानी में रहे लेकिन वह नहीं मिले। इसी बीच तेज बारिश आने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा।
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