इस्लामाबाद. पाकिस्तान के आम चुनाव में दो दिन बाद वोटिंग होगी। डॉन के सर्वे में सामने आया है कि 18-29 साल के करीब 70% युवा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख इमरान खान के पक्ष में हैं। इनमें 33.66% ऐसे वोटर शामिल हैं, जिन्होंने 2013 में नवाज शरीफ की सरकार चुनी थी। इस बार इमरान प्रधानमंत्री पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। कई शहरों में हुए सर्वे के दौरान 85.45% लोगों ने कहा कि वे पीटीआई को वोट दे सकते हैं। यह आंकड़ा पीएमएल-एन को वोट देने वालों से 76% ज्यादा है। हालांकि, 34.27% लोग मिलिट्री और 28% वोटर चुनाव में ज्यूडिशियरी का दखल मानते हैं, जो इमरान के खिलाफ भी जा सकता है।
पंजाब इसलिए अहम :पंजाब की 141 सीटों में से 14 लाहौर में हैं। यहां इमरान की पार्टी पीटीआई नवाज के किले में सेंध लगाने की तैयारी में है। यहां सबसे हॉट सीट लाहौर-9 है। जिस पर इमरान का मुकाबला पीएमएल-एन नेता और पूर्व रेलवे मंत्री साद रफीक से है। साद ने पिछले चुनाव में इमरान को हराया था। इमरान पिछले तीन चुनावों से पंजाब में जीतने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कामयाब नहीं हुए। इमरान इस बार पांच सीटों- लाहौर-9, मियांवाली, बन्नू, कराची पूर्व-2 और इस्लामाबाद-2 सीटों से चुनाव मैदान में हैं। पंजाब में 6.6 करोड़ मतदाता हैं। यहां से पिछले 46 साल में पांच प्रधानमंत्री बने हैं।
दो सर्वे में पीटीआई आगे
किसका सर्वे | पीटीआई | पीएमएलएन | पीपीपी |
डॉन | 83.07% | 12.58% | 1.31% |
पल्स कंसलटेंट | 30% | 27% | 17% |
गैलप | 25% | 26% | 16% |
इन तीन नेताओं पर नजर
1. शहबाज शरीफ (66) :नवाज जेल में हैं, लिहाजा उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ ही पीएमएलएन के सबसे बड़े नेता हैं। नवाज बेटी मरियम को उत्तराधिकारी बनाना चाहते थे, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में मरियम को भी सजा हो चुकी है। शहबाज पंजाब के मुख्यमंत्री थे। पंजाब पाकिस्तान का सबसे ज्यादा आबादी वाला प्रांत है। माना जाता है कि जिसने पंजाब जीत लिया, उसने पाकिस्तान जीत लिया। नेशनल असेंबली की 272 में से 141 सीटें यहीं हैं। 6.6 करोड़ मतदाता पंजाब से हैं। 6 प्रधानमंत्री इसी राज्य से बने हैं। शहबाज की मुश्किल ये भी है कि 2013 में नवाज को वोट देने वाले 33.66% मतदाता इस बार दूसरी पार्टियों खासतौर से पीटीआई को वोट दे सकते हैं। पिछली बार पीएमएल-एन को वोट देने वाले ज्यादातर वोटर भी मानते हैं कि पीटीआई ही जीतेगी।
ताकत : तीन बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। पीएमएलएन के मौजूदा अध्यक्ष हैं। पंजाब को पीएमएलएन का गढ़ माना जाता है। इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में पंजाब, पाकिस्तान का सबसे विकसित प्रांत है। शहबाज राजनेता से ज्यादा एक अच्छे प्रशासक माने जाते हैं।
कमजोरी : उनसे बड़े भाई (नवाज) और इमरान खान जैसा करिश्माई नेता होने की उम्मीद नहीं की जाती। विरोधी उन पर भी भ्रष्टाचार में घिरे होने के आरोप लगाते हैं।
2. इमरान खान (65) : इस बार के चुनाव में इमरान खान पर ही नजरें टिकी हैं। 1952 में लाहौर के पश्तून परिवार में पैदा हुए इमरान ने लंदन में पढ़ाई की। पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान रहे इमरान ने 1992 में देश को वर्ल्ड कप जिताया। उन्हें पाकिस्तान के सबसे कामयाब क्रिकेटरों में शुमार किया जाता है। 1996 में इमरान ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की स्थापना की। इसे जस्टिस पार्टी भी कहा जाता है। वे लाहौर और पेशावर में दो अस्पताल बनवा चुके हैं। 2002 और 2013 में सांसद चुने गए। उनकी पार्टी ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में गठबंधन सरकार भी बनाई थी। 2014 में पीटीआई ने पीएमएलएन पर चुनाव में धांधली का आरोप लगाया और प्रदर्शन किए। तब से लेकर इमरान लगातार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पीएमएलएन को घेर रहे हैं।
ताकत :बेहद लोकप्रिय। उनकी पार्टी हार्डलाइनर मानी जाती है। पार्टी की धार्मिक छवि के चलते उनके पास बड़ा वोट बैंक है। अभी तक उन पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा।
कमजोरी : माना जा रहा है कि इमरान को पाक आर्मी समर्थन दे रही है, लेकिन जनता आर्मी के विरोध में है। अगर जनता का मूड बदला तो ये इमरान पर भारी पड़ सकता है।
3. बिलावल भुट्टो (29) : पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन हैं। पहली बार संसदीय चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि वे पाकिस्तान को अपनी मां के सपने जैसा शांतिप्रिय, प्रगतिशील, समृद्ध और लोकतांत्रिक देश बनाना चाहते हैं।
ताकत :रसूखदार परिवार से। नाना जुल्फिकार अली भुट्टो और मां पाक की प्रधानमंत्री रहीं। पिता आसिफ अली जरदारी पाक के राष्ट्रपति रहे। सिंध प्रांत उनकी पार्टी का गढ़ है।
कमजोरी : ज्यादा राजनीतिक अनुभव नहीं।
नेशनल असेंबली का गणित (जनरल सीटें)
प्रांत | सीटें |
पंजाब | 148 |
खैबर पख्तूनख्वा | 35 |
सिंध | 61 |
बलूचिस्तान | 14 |
इस्लामाबाद (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) | 2 |
फेडरली एडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरियाज (फाटा) | 12 |
कुल सीटें जिन पर वोटिंग होगी | 272 |
नोट- नेशनल असेंबली की कुल सीटें 342: 60 सीटें महिलाओं और 10 अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित
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