ऑकलैंड. न्यूजीलैंड की एक कंपनी ने हाल ही में अपने कर्मचारियों को प्रयोग के तौर पर हफ्ते में चार दिन काम करने का ऑफर दिया। कंपनी इसके जरिए लोगों की काम करने की क्षमता पर पड़ने वाले प्रभाव को परखना चाहती थी। नतीजों के मुताबिक, करीब 78% कर्मचारियों ने दावा किया कि पहले के मुकाबले वे बेहतर तरीके से काम और जीवन को बैलेंस कर पा रहे हैं। इससे पहले सिर्फ 54% लोग ही अपने काम और जीवन के बीच तालमेल बैठा पाते थे। यानी चार दिन के काम से 24% से ज्यादा लोगों की जिंदगी में सुधार आया।
परपीचुअल गार्जियन नाम की यह कंपनी ट्रस्ट, वसीयतों और जमीन के प्रबंधन के क्षेत्र में काम करती है। जानकारी के मुताबिक, कर्मचारियों पर यह प्रयोग मार्च और अप्रैल के बीच किया गया। इसमें कंपनी ने 240 कर्मचारियों को काम पर सिर्फ चार दिन बुलाया गया और तनख्वाह पांच दिन की दी।
कर्मचारियों में तनाव कम हुआ :कंपनी के इस प्रयोग में यह बात भी सामने आई कि चार दिन काम करने के बाद लोगों में घर और दफ्तर दोनों जगह के कामों में संतुष्टि बढ़ी थी। उनके तनाव में 7% की गिरावट आई। ट्रायल से पहले 45% कर्मचारी काम के दौरान तनाव से जूझ रहे थे। प्रयोग के दौरान सिर्फ 38% लोगों में ही तनाव देखा गया। जीवन से संतुष्ट लोगों की संख्या में भी 5% की बढ़ोतरी हुई।
कंपनी के मालिक को आया था आइडिया : परपीचुअल गार्जियन के संस्थापक एंड्रयू बार्न्स को सबसे पहले यह आइडिया आया था। उन्होंने कर्मचारियों के काम और जीवन के बीच संतुलन परखने और कारोबार पर उनका ध्यान बढ़ाने के लिए यह प्रयोग किया। बार्न्स का कहना है कि वे इन नतीजों को कंपनी की बोर्ड मीटिंग में चर्चा के लिए रखेंगे, ताकि इसे लागू किया जा सके। न्यूजीलैंड के वर्कप्लेस रिलेशन मिनिस्टर इयान लीस-गैलोवो ने ट्रायल के नतीजों को बेहतरीन और दिलचस्प बताया। उन्होंने कहा कि वे दूसरे कारोबारों में भी इस मॉडल को लागू करने को बढ़ावा देंगे।
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