Monday, 26th May 2025

ड्राइवर करेंगे गांधीगिरी, 48 घंटे भूखे रहकर चलाएंगे ट्रेन

Tue, Jul 17, 2018 5:48 PM

जबलपुर। पटरी पर 24 घंटे ट्रेन दौड़ाने वाले रेलवे ड्राइवर मंगलवार सुबह 9 ड्राइवर से भूख हड़ताल पर जा रहे हैं। इस हड़ताल से न तो ट्रेन के पहिए थमेंगे, न ही रफ्तार कम होगी। वे गांधीगिरी से भूखे रहकर ट्रेन चलाएंगे। रेलवे को इस स्ट्राइक की अधिकृत जानकारी नहीं मिली है। हालांकि, उन्होंने इसके लिए तैयारी की है। प्रमुख स्टेशनों पर ट्रेन ड्राइवरों की जांच होगी। ड्राइवर के अस्वस्थ पाए जाने पर अन्य ड्राइवर को जिम्मेदारी दी जाएगी ताकि ट्रेन की सुरक्षा पर कोई आंच नहीं आए।

जबलपुर मंडल समेत देशभर के तकरीबन ढाई लाख हंगर स्ट्राइक करेंगे। इसमें लोको पायलट, असिस्टेंट लोको पायलट से लेकर शंटर तक शामिल होंगे। वे 19 जुलाई की सुबह 9 बजे तक बिना खाए-पीए ट्रेन चलाएंगे। दरअसल रेलवे द्वारा उन्हें दिया जा रहा रनिंग एलाउंस कम है, जबकि पूर्व राष्ट्रपति की अनुशंसा के बाद तय किए गए नियम के आधार पर रनिंग एलाउंस यानि माइलेज दिया जाना है, जिसे लागू करने में रेलवे पीछे हट रही है।

ड्यूटी ऑफ होते ही हड़ताल के पंडाल में बैठेंगे -

 

ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टॉफ एसोसिएशन के महामंत्री एमएम प्रसाद ने बताया कि देशभर के 16 रेल जोन में आने वाले 63 मंडल के लोको पायलट भूख हड़ताल का हिस्सा होंगे। ड्यूटी खत्म होते ही वे घर नहीं जाएंगे बल्कि डीआरएम कार्यालय या लॉबी में रुकेंगे और रेस्ट खत्म होते ही यहीं से ड्यूटी पर रवाना हो जाएंगे। इस दौरान होने वाली दुर्घटनाओं का जिम्मेदार रेलवे प्रशासन होगा।

इसलिए है विरोध, हकीकत यह -

 

ट्रेन डाइवर को वेतन के साथ रनिंग एलाउंस मिलता है, जिसे माइलेज कहते हैं। इसमें हर ड्राइवर को ट्रेन चलाने के दौरान प्रति किमी ढाई रुपए अतिरिक्त दिए जाते हैं। यानि वे ड्यूटी में 100 किमी ट्रेन चलाते हैं तो उन्हें 250 रुपए माइलेज के मिलेंगे। ड्राइवर का कहना है कि उनका माइलेज, ट्रैवल एलाउंस की तरह रिवाइज होकर हर साल बढ़े। हालांकि रेलवे से जुड़े जानकार बताते हैं कि आने वाले एक सप्ताह के भीतर रेलवे माइलेज को ढाई रुपए से बढ़ाकर 5 रुपए करने जा रहा है, जिसका फायदा ड्राइवर को मिलेगा।

तबीयत खराब तो मेमो दें -

 

ड्राइवरों के मुताबिक उन्होंने अपनी मांग के लिए जोन, रेलवे बोर्ड से लेकर रेल मंत्री, श्रम मंत्री यहां तक की प्रधानमंत्री तक को मांग पत्र भेजा, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं आया। इसलिए उन्होंने गांधीगिरी का रास्ता अपनाया है। भूखे रहने के दौरान यदि किसी लोको पायलट का स्वास्थ्य खराब होता है तो वह स्टेशन मास्टर को मेमो देगा और फिर तत्काल रेलवे डॉक्टर को बुलाया जाएगा। वरना वे लगातार 48 घंटे तक भूखे ही रहेंगे।

भूखे रहकर 48 घंटे तक ट्रेन चलाना संभव नहीं -

 

लगातार 48 घंटे तक भूखे रहकर ट्रेन चलाना संभव नहीं है। इससे व्यक्ति के शरीर में शुगर और नमक की कमी होने लगती है, जिससे कमजोरी और चक्कर आने की शिकायत बढ़ जाती है। वह बेहोश भी हो सकता है। हालांकि पानी या जूस पीया जाए तो कुछ देर तक ऐसी स्थिति को टाला जा सकता है, लेकिन ऐसे में भी 48 घंटे तक रहना मुश्किल है

-डॉ. क्षितिज भटनागर, रेलवे हॉस्पिटल, जबलपुर

Comments 0

Comment Now


Videos Gallery

Poll of the day

जातीय आरक्षण को समाप्त करके केवल 'असमर्थता' को आरक्षण का आधार बनाना चाहिए ?

83 %
14 %
3 %

Photo Gallery