भोपाल। मध्य प्रदेश के करीब 40 जिलों में मानसून मेहरबान है। 1 जुलाई के बाद लगभग पूरे प्रदेश में रुक-रूककर बारिश हो रही है। जुलाई महीने के पहले सप्ताह में प्रदेश में एक साथ तीन सिस्टम सक्रिय हुए थे। इसके बाद भोपाल, इंदौर सहित प्रदेश के करीब 25 जिलों में झमाझम बारिश हुई थी। ऐसे ही हालत फिर से बनने वाले हैं। अरब सागर में बना सिस्टम ने पूरे मालवा को कवर कर लिया है। यहां के करीब 15 जिलों में अच्छी बारिश की संभावना है। वहीं अरब सागर में बना सिस्टम छत्तीसगढ़ पहुंच गया है। रायपुर में मूसलाधार बारिश का दौर जारी है। इसके मध्य प्रदेश में 17 जुलाई की सुबह तक पहुंच जाने की संभावना है। 18 को ये भोपाल तक पहुंच जाएगा। फिर झमाझम बारिश का दौर शुरू हो जाएगा।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते चौबीस घंटे में नरसिंहपुर 74.0, खंडबा, छिंदवाड़ा 39.6 29.0, सागर 11.4, मंडला 32.0 रतलाम 16.0, सिवनी 10.0(मिली मीटर) बारिश दर्ज की गई है।
मालवा में भारी बारिश की संभावना
- मौसम विभाग के अनुसार मुंबई व आसपास के क्षेत्रों में मानसून सक्रिय होने से इंदौर में बारिश होने की संभावना है। अरब सागर में मानसून सक्रिय होने से फिर तेज बारिश की उम्मीद है। उधर शाजापुर, आगर, शुजालपुर में जोरदार बारिश हो रही है। उज्जैन में शनिवार को कुछ ही समय में एक इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। शहर से सटे देवास में भी अच्छा पानी गिरा। महू, बड़गोंदा में भी दिनभर रुक-रुककर बारिश होती रही।
भोपाल में बारिश की संभावना
शहर में रविवार को मानसूनी बादल तो छाए, लेकिन बारिश नहीं हुई। दिन में धूप भी चटकी। ये बादल 2500 फीट की ऊंचाई पर बने थे। कोई सिस्टम नजदीक नहीं था इसलिए ये बादल नहीं बरसे। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सोमवार और मंगलवार को हल्की बारिश होने की संभावना है। उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, ओडिशा में कम दाब (लो प्रेशर) का क्षेत्र बना हुआ है, जो 9.4 किमी की ऊंचाई पर है। जैसे-जैसे यह आगे बढ़ेगा, इसका सीधा असर पहले छत्तीसगढ़ पर पड़ा है। यहां रविवार से तेज बारिश हो रही है। छत्तीसगढ़ से लगे मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में इसका असर देखा जा रहा है। 18 जुलाई को ये भोपाल पहुंच जाएगा। तब यहां अच्छी बारिश की उम्मीद है। गुजरात में हवा में एक चक्रवात बना है। इस वजह से राजधानी में तेज बारिश होगी।
ग्वालियर को करना होगा इंतजार
रविवार की शाम बादल छाए रहे लेकिन बिन बरसे ही छंट गए। दोपहर में तेज धूप भी निकली। इससे लोगों ने उमस भरी गर्मी का अहसास किया। मौसम वैज्ञानिक डीपी दुबे के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में बना सिस्टम ग्वालियर पहुंचते-पहुंचते कमजोर पड़ गया था। इस कारण कम बारिश हुई है। उड़ीसा कोस्ट व बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। इससे फिर से अंचल में बारिश होगी।
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