Monday, 26th May 2025

स्विस बैंकों में भारतीयों के 7000 करोड़ रुपए जमा, इनमें से 300 करोड़ रुपए के दावेदार तीन साल से नहीं मिल रहे

Mon, Jul 16, 2018 5:54 PM

अगले साल से भारत को स्विस बैंकों के खातों का ऑटोमैटिक डेटा मिलना शुरू हो जाएगा

  • स्विस नेशनल बैंक ने 2015 में 3,500 निष्क्रिय खातों की सूची जारी की थी 
  • स्विस बैंकों में जमा विदेशी धन में 0.07% हिस्सेदारी है भारतीयों की

 

ज्यूरिख/नई दिल्ली.  स्विस नेशनल बैंक (एसएनबी) ने लगातार तीसरे साल ऐसे खातों की लिस्ट जारी की है, जिनके दावेदार नहीं मिल रहे हैं। इसमें 6 भारतीय खातों का भी जिक्र है। एसएनबी ने दिसंबर 2015 में पहली बार 3,500 से ज्यादा निष्क्रिय खातों की सूची जारी की थी। इसे हर साल अपडेट किया जाता है और उन खातों को इस लिस्ट से हटा दिया जाता है, जिनके दावेदार सामने आ जाते हैं। तीन साल बाद भी भारतीयों से जुड़े 6 खातों के दावेदार नहीं मिल पाए हैं। एसएनबी के मुताबिक, इन खातों में करीब 4.4 करोड़ स्विस फ्रैंक यानी 300 करोड़ रुपए जमा हैं। स्विस बैंकों में साल 2017 में भारतीयों का जमा 50 प्रतिशत बढ़कर 1.01 अरब स्विस फ्रैंक यानी करीब 7,000 करोड़ रुपए पर पहुंच गया।

स्विस नेशनल बैंक ने भारतीयों से जुड़े 6 खातेदारों के नाम भी सार्वजनिक किए गए हैं। इनमें मुंबई से पियरे वाचेक और बेर्नेट रोसमेरी, देहरादून से बहादुर चंद्र सिंह शामिल हैं। इसके अलावा, मोहल लाल पेरिस और सुच्चा योगेश प्रभु दास लंदन में रह रहे हैं। एक और भारतीय खाताधारक किशोर लाल हैं, ये कहां रहते हैं इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। स्विट्जरलैंड के बैंकिंंग नियमों के मुताबिक, इन खातों को 2020 तक रखा जाएगा। फिर भी इनके दावेदार नहीं मिले तो इन्हें बंद कर दिया जाएगा।

भारत को मिलेगा डेटा : स्विस नेशनल बैंक ने यह भी बताया कि स्विस बैंकों में जमा विदेशी धन में भारतीयों की हिस्सेदारी 0.07% है। स्विट्जरलैंड ने भारत समेत कुछ दूसरे देशों को जानकारी देने के लिए भी फ्रेमवर्क तैयार किया है। अगले साल से भारत को ऑटोमैटिक डेटा मिलना शुरू हो जाएगा। 2017 में निष्क्रिय खातों की सूची में से 40 खाते और दो सेफ डिपॉजिट की जानकारी हटाई जा चुकी है।

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