Friday, 23rd May 2025

मुकेश अंबानी बने एशिया के सबसे अमीर शख्स, अलीबाबा के जैक मा को पछाड़ा

Sat, Jul 14, 2018 6:01 PM

नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्री के मालिक मुकेश अंबानी अलीबाबा ग्रुप के फाउंडर जैक मा को पछाड़कर एशिया के सबसे अमीर शख्स बन गए हैं।

ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के मुताबिक, शुक्रवार को रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी की नेट वर्थ 44.3 बिलियन डॉलर आंकी गई। इस दौरान मुंबई में आरआईएल के एक शेयर की कीमत 1100 रुपए से ज्यादा रही, जोकि एक रिकॉर्ड है। वहीं गुरुवार को कारोबारी दिन खत्म होने के बाद अमेरिका में जैक मा की कंपनी की नेट वर्थ 44 बिलियन डॉलर रही, जोकि रिलायंस इंडस्ट्री से कम है।

पेट्रोकेमिकल क्षमता को दोगुना से ज्यादा बढ़ाने और रिलायंस जियो की शानदार शुरुआत की बदौलत इस साल मुकेश अंबानी की आय में चार बिलियन डॉलर से ज्यादा का इजाफा हुआ है। इसी महीने ही रिलायंस इंडस्ट्री की एजीएम में मुकेश अंबानी ने अपने 215 मिलियन टेलीकॉम उपभोक्ताओं की बदौलत ई-कॉमर्स के क्षेत्र में भी दस्तक देने का ऐलान कर दिया है। जो सीधे-सीधे अमेजन, अलीबाबा जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को चुनौती देगा।

 

इस साल जैक मा ने 1.4 बिलियन डॉलर गंवाए हैं।

100 अरब डॉलर क्लब में शामिल हुई RIL

 

इससे पहले मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज करीब 11 साल बाद दूसरी बार 100 अरब डॉलर (करीब 6.85 लाख करोड़ रुपए) के क्लब में शामिल होने वाली दूसरी भारतीय कंपनी बन गई है। इससे पहले टीसीएस ने यह मुकाम हासिल किया था।

पिछली बार अक्टूबर, 2007 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार मूल्यांकन 100 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा था। उस समय अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की विनिमय दर 39.5 थी। बहरहाल, गुरुवार को शेयर बाजार में आई तेजी के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज एक बार फिर 100 अरब डॉलर की कंपनी बनने में सफल रही। इसका बाजार पूंजीकरण करीब 6.89 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया।

 

निवेशकों के लिए सलाह

रिलायंस इंडस्ट्रीज के 100 अरब डॉलर की कंपनी बनने के बावजूद अधिकांश ब्रोकरेज हाउस कंपनी के शेयर को लेकर उत्साहित नहीं हैं। ज्यादातर ब्रोकरेज कंपनियों ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे इस शेयर में पैसा लगाने से बचें।

 

टीसीएस ने अप्रैल में पाया था यह मुकाम

टाटा ग्रुप ने टीसीएस इस साल 23 अप्रैल को एकलौती भारतीय लिस्टेड कंपनी थी, जिसका बाजार पूंजीकरण 100 बिलियन डॉलर से ऊपर निकल गया था। उस समय टीसीएस ने इस मामले में एक्सेंचर को पछाड़ा था। तब एक्सेंचर का बाजार पूंजीकरण 9,800 करोड़ डॉलर था।

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