रायपुर. छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे देश में राज्यपाल सिर्फ सुविधाभोगी बनकर रह गए हैं। उनकी भूमिका शून्य हो गई है। छत्तीसगढ़ में झीरम कांड की तरह देश की बड़ी-बड़ी घटनाओं में भी राज्यपाल कोई कदम नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में पूरेदेश में राज्यपाल के पद को ही समाप्त कर देना चाहिए। भूपेश ने बुधवार को प्रश्न पूछिए @भास्कर न्यूज रूम कार्यक्रम में पाठकों के सवालों पर तीन बड़े वादे भी किए। पढ़िए पाठकों के सवाल और पीसीसी चीफ के जवाब...
Q. राज्यपाल अपनी भूमिका में कितने सफल हैं? आपकी नजर में राज्यपालों की जरूरत है क्या?
A.छत्तीसगढ़ में पिछले वर्षों में कई बड़ी घटनाएं हुईं। राज्यपाल ने अपनी ओर से कभी कोई ठोस पहल नहीं की। आदिवासियों की विलुप्त होती जातियों की नसबंदी जैसा मामला आया पर राज्यपाल खामोश हैं। किसान की दुर्दशा सबके सामने है। झीरम जैसा कांड हो गया। राज्यपाल ने कभी भी अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं किया। दरअसल राज्यपाल का पद केवल सुविधाभोगी हो गया है। पूरे देश में यही हाल है। इस पद को समाप्त कर देना ही बेहतर होगा।
Q. मौजूदा सरकार शराबबंदी के वादे को पूरा नहीं कर पाई। इस पर कांग्रेस का क्या नजरिया है?
A.कांग्रेस की सरकार आएगी तो हर हाल में पूरे राज्य में पूर्ण शराबबंदी की जाएगी। राज्य के कुछ क्षेत्रों में पांचवीं अनुसूची लागू है। वहां फैसला ग्रामसभाओं को लेना है। हालांकि बस्तर के गांवों से भी शराबबंदी की मांग उठी है। पिछले दिनों टेडेसरा गांव में हुए संकल्प शिविर में कांग्रेस ने शराबबंदी का संकल्प भी पारित कर दिया है।
Q. टीएस सिंहदेव को सीएम कैंडिडेट बनाने से कांग्रेस की संभावना बढ़ती है, तो आप यह कुर्बानी देंगे?
A.कांग्रेस कुर्बानियों की पार्टी है। मैं किसान परिवार का लड़का हूं। पार्टी ने अवसर दिया कई महत्वपूर्ण पदों पर रहा आज पार्टी का अध्यक्ष हूं। मुझे पार्टी ने 2018 में कांग्रेस का बहुमत लाने की जिम्मेदारी सौंपी है आैर मैं इसे लाकर रहूंगा। सीएम कौन रहेगा, यह तो आलाकमान तय करेगा।
Q. क्या सीडी मुद्दा कांग्रेस के लिए बूमरेंग हो गया है? इसमें अब पार्टी की भूमिका क्या है?
A.सीडी कांड की सीबीआई जांच हो रही है। अब तक खुलासा नहीं हुआ कि प्रकाश बजाज को किस नंबर से धमकी मिली? उसका आका कौन है? सीडी किसने बंटवाईं? रिंकू खनूजा की हत्या किसने करवाई? यहां झीरम कांड, इंदिरा प्रियदर्शनी बैंक घोटाला, अंतागढ़ जैसे मामलों में सीबीआई जांच नहीं बैठती। मैं हवा में सीडी लहराता हूं तो सीबीआई बुला ली जाती है। सरकार कांग्रेस की आवाज दबाना चाहती है, लेकिन ऐसा नहीं होगा।
Q. किसानों की कर्जमाफी से दो राज्यों में पार्टी को लाभ हुआ। प्रदेश में भी ऐसी कोई घोषणा होगी?
A.कांग्रेस की सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर किसानों का कर्जा माफ कर देंगे। उन्हें हर साल धान का बोनस दिया जाएगा। यही नहीं, राज्य के सभी बिजली उपभोक्ताओं का बिल आधा कर देंगे। पार्टी का मानना है कि अभी किसानों से लेकर शहरी उपभोक्ताओं तक बिजली का बिल दोगुना वसूला जा रहा है। जब बिजली यहीं पैदा होती है तो यहां तो सस्ती मिलनी चाहिए। जिन राज्यों को बिजली बेच रहे हैं, वहां की दर यहां से कम है।
Q. डॉ. रेणु जोगी को लेकर कांग्रेस का क्या रुख है, क्या उन्हें टिकट देंगे?
A.वे कांग्रेस विधायक हैं और पार्टी कार्यक्रमों में आती हैं। उन्हें निकालने का सवाल ही नहीं। उपनेता पद से जरूर हटा दिया। वे कहां रहेंगी, ये वही तय करें। रही बात टिकट की तो यह काम मेरा नहीं है, आलाकमान का है।
Q. भाजपा जैसा अनुशासन कांग्रेस में क्यों नहीं है? गुटबाजी है, क्या आपकी पकड़ कमजोर है?
A.भाजपा में हमसे ज्यादा गुटबाजी है। हाल ही में दो गुटों में मारपीट हुई। बगावत करने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की। अंतागढ़ का प्रत्याशी बेचने का मामला आया तो हमने विधायक अमित जोगी को तुरंत पार्टी से निकाला, अजीत जोगी खुद बाहर हो गए।
Q. छग में कांग्रेस को फिर से स्थापित करने में कौन-सा फैक्टर अहम होगा?
A.यहां कांग्रेस कभी कमजोर नहीं रही। एमपी में सरकारें छत्तीसगढ़ के कारण ही बनती रही हैं। राज्य बनने के बाद भी भाजपा से वोटों का अंतर पहले 1.50 फीसदी, फिर 0.73 फीसदी रहा। हमने सीनियरों के साथ युवाओं को भी बड़ी जिम्मेदारी दी है। टिकट वितरण में भी बूथों के युवा खुद भागीदार होंगे। इससे संगठन में मजबूती आ रही है।
Q. कांग्रेस को कांग्रेसी ही हराते हैं, क्या यह सही है?
A.किसी भी निर्णय में दूसरों को भागीदार न बनाने से ऐसी स्थिति बनती है। किसी के सुझाव के खिलाफ नेतृृत्व फैसला ले तो गलत है। हम तो बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं को भी इन्वाॅल्व कर रहे हैं। अब कोई हराएगा नहीं, सिर्फ जिताएगा।
Q. रायपुर-सरगुजा में अधिक सीटें जीतने के लिए क्या स्ट्रैटजी होगी?
A.सरगुजा में हमने 8 में 7 सीटें जीती हैं। रायपुर में नतीजे हमारे अनुकूल नहीं रहे। जिन कारणों से पीछे रहे, उन्हें दूर कर रहे हैं। यहां नई पीढ़ी कांग्रेस को मजबूत करेगी।
Q. क्या विपक्ष को सही फैसले का भी विरोध करना चाहिए?
A.जब सरकार ने जनता के खिलाफ निर्णय लिए तो मजबूत विपक्ष के नाते हमने विरोध किया। यही वजह है कि निरस्त किए गए राशनकार्ड दोबारा बनाने पड़े। धान खरीदी और 2100 रुपया एमएसपी, 300 रुपए बोनस, नसबंदी से 13 महिलाओं की मौत, पंचायतों के पैसे से मोबाइल टाॅवर जैसे फैसले हमारे विरोध से ही वापस लेने पड़े।
Q. कांग्रेस की सरकार आई तो रोजगार और राज्य के ज्वलंत मुद्दों पर क्या योजना होगी?
A.पहले तो नौकरी के लिए युवाओं को तैयार करेंगे। स्कूल-कॉलेजों की रिक्तियां पूरी करेंगे ताकि अच्छी पढ़ाई हो और यहां के युवा देश-विदेश में नौकरी कर सकें न कि पलायन। राज्य में मिनरल्स से जुड़े बड़े ही नहीं, छोटे उद्योग-धंधे लाएंगे। सरकार 5 साल में एक भी उद्योग नहीं ला पाई। हम आदिवासियों का हक और जमीन बचाएंगे। अजा वर्ग के लिए भी काम करेंगे। नक्सलवाद गरीबी, भुखमरी, शोषण, भ्रष्टाचार से पनपता है।
Q. कांग्रेस के मतभेद सुलझते नहीं दिखते। क्या आप स्व. पटेल की तरह कांग्रेस को एकजुट कर पाए?
A.सत्ता वाले यही कहते हैं कि विपक्ष बंटा हुआ है। ऐसा नहीं है। विचारों में मतभेद का मतलब यह नहीं कि पार्टी लाइन से ही अलग हो गए। कांग्रेस में कोई बंटवारा या खेमेबाजी नहीं है। जो बांटने वाले थे, वे पार्टी में नहीं रहे। नंद
कुमार जी हमारे बड़े नेता रहे हैं। बड़े नेताओं की तरह ही प्रयास कर रहे हैं।
Q. सरकार बनी तो किसानों के लिए क्या बेहतर योजनाएं हैं?
A.किसानों को सुविधाओं के साथ बेहतर मार्केट दिलाना भी सरकार का काम है, ताकि उन्हें मेहनत की उचित कीमत मिल सके। यहां मार्केट तो दूर, खाद-पानी तक नहीं दे रहे। पत्थलगांव-धमधा में हर साल टनों टमाटर फेंके जाते हैं, क्योंकि सरकार मार्केट नहीं दिला सकी।
Q. कई मुद्दों पर कांग्रेस दबाव नहीं बना पाई। झीरम की सिम्पैथी भी नहीं ले सकी?
A.झीरम कांड पूरी तरह राजनीतिक आपराधिक षड़यंत्र था। इसमें हमारे अग्रिम पंक्ति के सारे नेताओं को मार दिया गया। उनकी मौत हमारे लिए मुद्दा नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा मामला है। हम इंसाफ के लिए ही लगातार सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
Q. अगले चुनाव में कांग्रेस की पांच मुख्य घोषणाएं क्या होंगी?
A.यह कांग्रेस की घोषणा पत्र समिति तय करेगी। फिर भी स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा का वातावरण, रोजगार के अवसर, किसानों की समस्या और प्रदेश की कानून व्यवस्था पांच प्राथमिकताएं होंगी। वर्तमान सरकार इन सभी मुद्दों पर फेल है।
Q. चुनाव जीतने की रणनीति क्या है? विधायकों की जगह नए चेहरों को लाएंगे?
A.कांग्रेस बूथ कार्यकर्ताओं की राय लेकर नाम मांगेगी। प्रत्याशी के लिए उनसे मिले नाम हाईकमान को भेजेंगे। वहां से जिसे टिकट मिलेगी, सब मिलकर उसे जिताएंगे।
Q. 15 साल में सरकार जनता से जुड़ा बड़ा फैसला नहीं ले पाई। क्या यह विपक्ष की कमजोरी है?
A.ऐसे छह अवसर आए जब सरकार को अपने फैसले बदलने पड़े। भाजपा ने किसानों को कर्जमाफी, बोनस आदि की घोषणा की थी, लेकिन सत्ता में आते ही भूल गई। शराबबंदी करना छोड़ कोचियों के पीछे पड़े रहे। अब सरकार खुद शराब बेच रही है। इस भ्रष्ट सिस्टम पर केबिनेट में मंत्री ने ही सवाल उठाए थे। सरकार का काम जनता को सुविधाएं देना है, शराब बेचना नहीं। अब तो हालात इतने बिगड़ गए कि युवा पीढ़ी बरबाद हो रही है। हम सत्ता में आए तो शराबबंदी करेंगे।
Q. कांग्रेस-बसपा के गठबंधन की चर्चा है लेकिन जोगी-मायावती की लंबी चर्चा हुई है। आपकी रणनीति क्या है?
A.राजनीति में जो दिखता है (मायावती-जोगी मुलाकात पर) वैसा होता नहीं है। देश में गठबंधन की राजनीति चल रही है। मैंने बसपा से आग्रह किया था कि भाजपा आपकी वजह से ही जीतती है, क्योंकि बसपा उम्मीदवारों से वोट बंट जाते हैं। आप साथ रहेंगे तो भाजपा के वोट कटेंगे। गठबंधन का फैसला पार्टी हाईकमान ही लेगा। इस बारे में अपनी राय भी पार्टी फोरम में ही रखूंगा।
Q. राज्य में 15-16 साल से युवा संविदा, आउटसोर्सिंग व प्लेसमेंट में हैं। सरकार बनी तो नियमित करेंगे?
A.बस्तर में आउटसोर्सिंग हुई तो सबसे पहले हमने ही विरोध किया। रायपुर में विद्यामितान धरने पर हैं। मैं उनसे मिला तो पता चला कि आउटसोर्सिंग से रखे गए इन टीचरों में सब छत्तीसगढ़ के ही हैं। ठेकेदारों को 28 हजार रुपए दे रहे हैं और इन्हें 10-12 हजार। जबकि सरकार कहती है कि यहां प्रतिभाएं नहीं हैं। जब यहीं के लोगों की भर्ती करनी है तो नियम से करें। आउटसोर्सिंग तो सिर्फ कमीशनखोरी है।
जोगी की चुटिया बीजेपी के हाथ:जोगी के नकली आदिवासी मुद्दे पर भाजपा ने चुनाव जीता था। वही 15 साल में अब तक तय नहीं कर पाए कि नकली हैं या असली। दरअसल बीजेपी ने जोगी की चुटिया पकड़ रखी है। जोगी का मामला ये है कि पार्टी ने एक बार जिम्मेदारी सौंपी, पर वो चुनाव नहीं जिता सके।
जो दिखता है, वो होता नहीं:अजीत जोगी और मायावती के बीच दिल्ली में हुई मुलाकात पर उन्होंने कहा कि राजनीति और आध्यात्म में जो दिखता है वो होता नहीं है, जो होता है वो दिखता नहीं है।
वो करते हैं जुमलेबाजी:किसानों का कर्जा माफ और जनता का बिजली बिल आधा करने की बात हम कह रहे हैं, और करेंगे। खाते में 15 लाख जैसी जुमलेबाजी बीजेपी करती है, हम नहीं।
फ्री वाला कुछ देंगे क्या?एक सवाल हुआ कि घोषणापत्र में फ्री वाला कोई ऑफर कांग्रेस देगी? इस पर ठहाकों के बीच भूपेश ने कहा - फ्री से बेहतर है मेहनत।
ऐसे पूछे गए सवाल
भास्कर ने अपने न्यूजरूम में पीसीसी अध्यक्ष से सवाल करने के लिए चुने हुए पाठकों को आमंत्रित किया था। ये सवाल पाठकों ने ऑनलाइन व स्मार्ट फोन के जरिए भेजे थे। जूरी ने इनमें से प्रतिनिधि सवालों को इंटरव्यू के लिए चुना था।
इन्हाेंने पूछे प्रश्न
रायपुर से दिनेश कुमार शुक्ला, इशिका सिन्हा, प्रियंका खेमका, अर्चना बागल, रूपसी चंदेल, आशीष पाण्डेय, अनेश बजाज, जूही श्रीवास्तव, टिकेश्वर वर्मा, दुर्ग से शम्स परवेज़, शिखर परगनिहा, शान चिश्ती, अमोल खोंगल, भिलाई से प्रतीक ब्रम्हा, बेमेतरा से अभिलाष शर्मा, रायगढ़ से जितेंद्र कुमार गवेल, कोरबा से रजत सोनी, बालोद से लवकुमार सिंह, महासमुंद से हरीश पटेल, सूरजपुर से देवेंद्र सिंह।
Comment Now