रायगढ़. कलेक्टर शम्मी आबिदी ने सभाकक्ष में कृषि विभाग के अधिकारियों एवं जल संग्रहण के परियोजना अधिकारियों की समीक्षा बैठक लेकर लैलूंगा, तमनार विकासखण्ड में संचालित जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यों की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से कुआं, डबरी निर्माण तथा तालाब गहरीकरण, चेक डेम की स्वीकृत कार्य, प्रगतिरत कार्य एवं पूर्ण कार्यों की एक-एक करके समीक्षा की। कलेक्टर ने उप संचालक कृषि एमआर भगत एवं लैलूंगा विकासखण्ड के परियोजना अधिकारी ताण्डे के कार्यों की धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि जल संरक्षण एवं संवर्धन के कार्यो में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं चलेगी, अन्यथा संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की चेतावनी दी है। कलेक्टर आबिदी ने समीक्षा के दौरान कृषि अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी विकासखण्ड के परियोजनावार संचालित जल संरक्षण एवं संवर्धन कार्यों के लिए दिशा-निर्देशन का पालन शत-प्रतिशत सुनिश्चित करें। उन्होंने कृषि अधिकारी को स्पष्ट निर्देशित करते हुए कहा कि शासन के नियमानुसार निर्माण कार्यों का जियो टेगिंग कराना सुनिश्चित करें। इसके लिए उन्हें अवगत कराएं कि निर्माण कार्यों का मूल्यांकन प्रथम चरण, द्वितीय चरण एवं अंतिम तृतीय चरण का जियो टेगिंग कब-कब किया जाना है। साथ ही प्रथम चरण के कार्यों के दौरान ऑनलाईन में कितने फोटो अपलोड करने की आवश्यकता है। इसी प्रकार द्वितीय चरण एवं तृतीय चरण में जियो टेगिंग की प्रक्रिया का निर्धारण करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जहां-जहां जल संग्रहण एवं संवर्धन के कार्य पूर्ण हो चुके है वहां किसानों को आजीविका मिशन से जोडऩे के लिए प्रेरित करने पर बल दिया।
किसानों को आजिविका मिशन से जोडऩे के निर्देश
कलेक्टर आबिदी ने कृषि अधिकारी से किसानों को आजीविका मिशन से जोडऩे के लिए विकासखण्डवार किसानों के नाम के साथ सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। ताकि जिन किसानों को मछली पालन से लाभान्वित करना है उनके नाम का प्रस्ताव मत्स्य विभाग को भेजा जा सके। इसी प्रकार जिन किसानों को बीज उपलब्ध कराना है। स्प्रेयर पम्प वितरण करना है। पशुपालन विभाग की योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए किसानों की सूची संबंधित विभाग को उपलब्ध करायी जा सके। ताकि किसान आजीविका मिशन से जुड़कर अधिक लाभ अर्जित कर सके। उन्होंने किसानों को मुर्गीपालन, बतख पालन, पशुपालन, बकरी पालन के साथ ही अन्य व्यवसाय को अपनाने के लिए कहा। साथ ही ऐसे किसान मनरेगा के तहत तालाबों में मछली पालन करना चाहते हंै उनको मत्स्य विभाग से नि:शुल्क मत्स्य बीज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
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